हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क अकादमी के बीच एमओयू

नया रायपुर : संस्थागत सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU) ने आज नेशनल एकेडमी ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (NACIN) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य अप्रत्यक्ष कराधान और सीमा शुल्क कानूनों के क्षेत्र में पारस्परिक विकास को बढ़ावा देना है।

विश्वविद्यालय और एन.ए.सी.आई.एन. के बीच एमओयू के लक्ष्य हैं –

1. संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं और अन्य शैक्षिक कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन।

2. शिक्षण पद्धतियों, प्रशिक्षु विकास और अनुसंधान गतिविधियों में विकास पर जानकारी का आदान-प्रदान।

3. विभिन्न कानूनी और प्रक्रियात्मक विषयों पर प्रशिक्षण संसाधनों का सह-साझाकरण।

4. सहयोगात्मक अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विकास।

5. शैक्षिक उद्देश्यों के लिए एक-दूसरे की सुविधाओं और संसाधनों का पारस्परिक उपयोग।

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हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो विवेकानंदन ने अपनी टिप्पणी में कहा, “इस समझौता ज्ञापन से हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एवं राष्ट्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क अकादमी को क्षमता निर्माण, अनुसंधान और वकालत के क्षेत्रों में, जीएसटी, सीमा शुल्क और नारकोटिक्स के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भागीदार संस्थानों के बीच आपसी सीखने का एवं पारस्परिक रूप से लाभ होगा।”

एनएसीआईएन के अतिरिक्त निदेशक शैलेन्द्र कुमार ने कहा, “हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं पर विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए यह एनएसीआईएन के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी है।”

एमओयू पर एनएसीआईएन के अतिरिक्त निदेशक शैलेन्द्र कुमार और एचएनएलयू के प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ विपन कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में एसआरएम विश्वविद्यालय, सोनीपत के कुलपति एवं एचएनएलयू के प्रतिष्ठित न्यायविद प्रोफेसर (डॉ) परमजीत जसवाल गोविंद मिरी, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता; और सुश्री शिवी शांगवान, उप निदेशक, एनएसीआईएन, डीन, प्राध्यापकों और एचएनएलयू के कर्मचारी गणो की भी उपस्थिति थी।

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