हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में विंटर स्कूल ऑन जियोस्पेशियल सांइस एंड टेक्नोलॉजी प्रोग्राम का हुआ समापन
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) के भूगोल विभाग द्वारा नेशनल गियोस्पेशल प्रोग्राम (एनजीपी) के सहयोग से आयोजित विंटर स्कूल ऑन जियोस्पेशियल सांइस एंड टेक्नोलॉजी प्रोग्राम का समापन हो गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित इस प्रोग्राम का उद्घाटन विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार द्वारा किया गया। कुलपति ने अपने संबोधन में इस तरह के कार्यक्रमों के महत्त्व से अवगत कराया। उन्होंने कृषि, शहरी नियोजन, जलवायु परिवर्तन की निगरानी और सुशासन में पारदर्शिता लाने में प्रौद्योगिकी की बदलती संभावनाओं को उपयोगी बताया। आयोजन के समापन समारोह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली की राष्ट्रीय भू-स्थानिक कार्यक्रम समन्वयक, डॉ शुभा पांडे मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित रहीं।
डॉ शुभा पांडे ने ट्रेनिंग प्रोग्राम की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रोग्राम जियोस्पेशियल तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए विभाग के प्रयासों के अनुरूप है। उन्होंने इस क्षेत्र में ज्ञान और कौशल विकसित करने के महत्व को रेखांकित किया। डॉ पांडे ने जियोस्पेशियल तकनीकों के विभिन्न अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान और संसाधनों का सक्रिय रूप से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा कि आईआईटी रुड़की से प्रो संजय कुमार जैन और प्रो आर डी गर्ग; हरियाणा स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर से डॉ सुल्तान सिंह; महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से प्रो नीना सिंह और प्रो प्रमोद कुमार; जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से प्रो अतीकुर रहमान; जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय से प्रो पी के जोशी; जियोसॉल्यूशन्स, गुरुग्राम के निदेशक खुशपाल दहिया; आईजीयू मीरपुर से डॉ विपिन कुमार; सीबीएलयू, भिवानी से डॉ पवन कुमार; हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रो पवन कुमार शर्मा और प्रो भास्कर दास तथा भूगोल विभाग के संकाय सदस्यों ने आयोजन में विशेषज्ञों के रूप में प्रतिभागिता की। समापन सत्र अनिल कुमार, सुनीता बेनीवाल, डॉ निकेश शर्मा, डॉ सुमन कुमारी, डॉ पंकज कुमार सोनी, और डॉ धीरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम और विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक पक्षों पर अपने विचार साझा किए।
हकेवि में स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के डीन प्रो राजेश कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम समन्वयक और भूगाले विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने इस कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप बताया। उन्होंने बताया कि आयोजन में 25 शिक्षक और शोधकर्ता जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा से शामिल हुए। डॉ जितेंद्र कुमार ने विशेषज्ञों, आयोजकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों का सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन वंदना डांगी ने किया। कार्यक्रम के अंत में संजीत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर अंकुर मेहता, डॉ दिनेश कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ रवि प्रताप पांडेय, डॉ सी एम मीणा सहित विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।