कृषि विज्ञान संस्थान-बीएचयू में विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम संपन्न
उत्तर प्रदेश / वाराणसी : 10th विश्व मृदा दिवस के अवसर पर, कृषि विज्ञान संस्थान-बीएचयू के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग ने आईएसएसएस -वाराणसी अध्याय के सहयोग से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. जे. प्रसाद, प्रमुख वैज्ञानिक, आईसीएआर-एनबीएसएसएलयूपी ने भाग लिया। इसके अलावा, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के एमएससी (कृषि) और पीएचडी छात्रों के लिए तीन प्रतियोगिताओ का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओ का विषय था “मृदा की देखभाल: मापना, निगरानी करना, प्रबंधन करना” जो की इस वर्ष के 10व् विश्व मृदा दिवस की थीम भी है। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. ज. यादव ने अतिथियों का स्वागत किया और भारत में स्वस्थ मृदाओं की उत्पत्ति और वितरण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने शोध छात्रों और पीजी छात्रों को प्रतियोगिताओ में सक्रिय भागीदारी लेने पर उनकी सराहना की।प्रोफेसर राम सकल सिंह ने मृदा के सुधार और मृदा उत्पादकता में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सवस्थ मृदा एक देश के लिए उतनि ही अवसायक है जिनती सवक्ष पनी और उन्होंने भारत मे रहने वाले सभी किशनों को धन्यवाद देते हुए सभी छात्र और छात्राओ को इस कार्यक्रम मे सम्मिलित होने पे उनकी सराहना भी की| विशिष्ट अतिथि डॉ. जे. प्रसाद ने मृदा मानचित्रण में रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि मृदा लवणीकरण विशेष रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सबसे आम भूमि क्षरण प्रक्रियाओं में से एक है, जहां वर्षा वाष्पीकरण से अधिक होती है और मृदा लवणीकरण पर्यावरण, कृषि-पारिस्थितिक तंत्र, कृषि उत्पादकता और स्थिरता पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक प्रमुख वैश्विक मुद्दा है। लवणीयता संसाधन आधार को कम करके मृदा की गुणवत्ता को कम करती है। प्रभावी मृदा संसाधन उपयोग और प्रबंधन के लिए मृदा लवणीकरण की वैज्ञानिक आधारित समझ की आवश्यकता होती है। सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतकर्ताओं को प्रमाण पत्र और पदक से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में, प्रो. पी.के. शर्मा सचिव आईएसएसएस, वाराणसी अध्याय ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी शोध छात्रों (मुनेश, सरबश्री, शुभम शंभव, दीपक, शुभम, काजल, पुरुषोत्तम, चंदन, मेघ, रिच, योगेंद्र, श्वेता एवं सभी अन्य) प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्हे कयर्क्रम संगठित करने के लिए प्रमाणपत्र भी दिया।
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