राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में एकेडमिक ऑडिट एंड इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन
अजमेर : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में “एकेडमिक ऑडिट एंड इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग” विषय पर केन्द्रित तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम मे शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की क्षमताओं और कौशल को उन्नत करने पर जोर दिया गया। यह आयोजन 18 से 20 दिसंबर तक चला।
कार्यक्रम में प्रो बी एल गुप्ता, प्रबंधन शिक्षा विभाग, एनआईटीटीआर भोपाल और प्रो संजय अग्रवाल डीन, अकादमिक और शोध, एनआईटीटीआर भोपाल ने शैक्षणिक गुणवत्ता और संस्थागत रैंकिंग को बढ़ाने में “एकेडमिक ऑडिट” की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के विभिन्न तकनीकी सत्रों मे वक्ताओ ने गहन रूप से गुणवत्ता आश्वासन के लिए अकादमिक ऑडिट, मूल्यांकन और मान्यता, आंतरिक एवं बाहरी दृष्टिकोण, डेटा-आधारित प्रक्रिया, उन्मुख मूल्यांकन और एसडीपीआई फ्रेमवर्क आदि विषयो पर चर्चा की। साथ ही यह भी बताया कि एकेडमिक ऑडिट न केवल शिक्षण और अनुसंधान में सुधार लाने का एक उपकरण है, बल्कि संस्थान की रैंकिंग को वैश्विक स्तर पर बेहतर करने में भी सहायक है। इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि यह संस्थान की पहचान और उसके शैक्षणिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। संस्थान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करे।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि – “इस प्रकार के कार्यक्रम विश्वविद्यालयों को नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। शैक्षणिक ऑडिट और संस्थागत रैंकिंग जैसे विषय शिक्षण संस्थानों को उनके उद्देश्य, मानकों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाते हैं। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो और हमारे विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हों। भविष्य में भी हम इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।”
इससे पूर्व कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंश सेल के निदेशक प्रो राजेश कुमार ने कहा की – संस्थान के निर्माण के लिए संस्थागत रैंकिंग, अकादमिक ऑडिट एक स्तंभ के रूप में कार्य करती है। उन्होंने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की उपलब्धियों विशेष रूप से ग्रीन और स्मार्ट कैंपस की पहल पर प्रकाश भी डाला।
कार्यशाला का सफल संचालन कुलपति प्रो आनंद भालेराव के नेतृत्व में हुआ। आयोजन समिति में डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ शैजी अहमद, डॉ सुखमंदर सिंह, डॉ रुचि मलिक, डॉ गोबिंद सिंह, और डॉ सुबोध कुमार ने अपनी भूमिका निभाई।