नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अकादमिक कार्यशाला का सफल आयोजन
दो दिवसीय अकादमिक कार्यशाला “Research and Innovation with Artificial Intelligence” का एनएसयूटी ईस्ट कैंपस में सफल आयोजन
दिल्ली : नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी), ईस्ट कैंपस, गीता कॉलोनी के कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियंत्रण विभाग द्वारा दिनांक 19-20 फरवरी, 2025 को “Research and Innovation with Artificial Intelligence” विषय पर दो दिवसीय अकादमिक कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में संपन्न हुआ। इस कार्यशाला के मुख्य संरक्षक एनएसयूटी के कुलपति प्रो आनंद श्रीवास्तव रहे, संरक्षक के रूप में प्रो नरेंद्र कुमार (निदेशक, एनएसयूटी ईस्ट कैंपस) तथा सह-संरक्षक के रूप में प्रो विशाल भटनागर (एचओडी, सीएसई) ने इस कार्यशाला का नेतृत्व किया।
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इस कार्यशाला के संयोजक प्रो मनोज कुमार एवं डॉ सुरेश कुमार थे। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला के समन्वयक के रूप में डॉ राम श्रृंगार राव एवं प्रो नन्है सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यशाला का शुभारंभ निदेशक प्रो नरेंद्र कुमार के उद्घाटन भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का समाज पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा, जिससे आर्थिक विकास, सुरक्षा और नियामक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे।
कार्यशाला के पहले दिन, 19 फरवरी को, प्रमुख वक्ताओं में प्रो राजीव श्रीवास्तव (निदेशक, IIIT रांची) ने “AI/ML, Computer Vision, and its Research Applications” पर व्याख्यान दिया। इसके पश्चात् प्रो भीम सिंह (विज्ञान पुरस्कार विजेता, IIT दिल्ली) ने “Solar Photovoltaic/Power Generation Systems” पर अपना सत्र प्रस्तुत किया।
दूसरे दिन, 20 फरवरी को, प्रो मोहम्मद तनवीर (IIT इंदौर) ने “Shallow and Deep Learning Algorithms and Applications to Alzheimer’s Disease” पर विस्तृत चर्चा की। इसके बाद, प्रो जवार सिंह (IIT पटना) ने “Digital Future with Post-Quantum Cryptography” विषय पर जानकारी साझा की।
Research and Innovation with Artificial Intelligence का समाज पर सीधा प्रभाव पड़ता है और यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा निदान, स्वायत्त वाहन, व्यक्तिगत अनुभव, साइबर सुरक्षा, संचार और वैज्ञानिक अनुसंधान में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। मशीन लर्निंग, कंप्यूटर विज़न, क्वांटम कंप्यूटिंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण जैसी तकनीकों के माध्यम से AI बड़े पैमाने पर डेटा का विश्लेषण कर पैटर्न पहचानने और निर्णय लेने में सक्षम हो रहा है, जिससे उद्योगों और वास्तविक समय प्रणालियों की दक्षता में सुधार हो रहा है।
इस प्रतिष्ठित कार्यशाला में देशभर के विभिन्न संस्थानों से 265 प्रतिभागियों, जिनमें संकाय सदस्य, शोधार्थी और छात्र शामिल थे, ने भाग लिया। एनएसयूटी के आयोजक मंडल और संकाय सदस्यों ने कार्यशाला को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी अनुष्का शिवहरे ने कुशलतापूर्वक किया।