बीएचयू में ‘स्टोरीज मैटर’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

स्टोरीज मैटर: रिथिंकिंग नैरेटिव एस्थेटिक एंड ह्यूमन वैल्यू विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 

उत्तर प्रदेश / वाराणसी : इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनीता सिंह ने की, जिनके साथ कला संकाय के डीन प्रो. माया शंकर पांडे और प्रो. संजय कुमार उपस्थित थे। इस सत्र का संचालन प्रो. आशीष पाठक ने किया। सम्मेलन में देश-विदेश से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और भाग लिया, जिनमें शोधकर्ता और प्रोफेसर शामिल थे। इनमें से कुछ अमेरिका, ब्रिटेन और लेबनान जैसे देशों से भी थे।

'Stories Matter' international conference inaugurated at BHU Varansi

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. सच्चिदानंद महंती उपस्थित थे। प्रो. महंती वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय में कार्यरत हैं और पूर्व में कुलपति रह चुके हैं। अपने उद्घाटन संबोधन में, प्रो. महंती ने कथाओं की विकासवादी प्रकृति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने लॉरेंस, ब्लेक, टैगोर, जयंत महापात्रा और सामंथा हार्वे जैसे लेखकों और सिद्धांतकारों का उल्लेख करते हुए अकाल कथाएं, होलोकॉस्ट कथाएं, उपनिवेशोत्तर कथाएं, और अंततः डिजिटल कथाओं पर प्रकाश डाला। विशेष रूप से, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) किस प्रकार मानव जीवन में हस्तक्षेप कर रही है और इससे मानवीय मूल्य व नैतिक प्रवृत्तियां धुंधली हो रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया,

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“यदि हम इसका मुकाबला नहीं कर सकते, तो हमें इसे अपनाना चाहिए।”

उन्होंने अंतर्विषयक दृष्टिकोण, विशेष रूप से इतिहास और कथा के बीच अंतर्संबंध, पर जोर दिया। उनके अनुसार, शोधकर्ताओं में ऐतिहासिक समझ होनी चाहिए ताकि वे प्रभावी कथाओं का सृजन और संप्रेषण कर सकें, और इतिहासकारों को भी नव ऐतिहासिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कथाओं का संज्ञान लेना चाहिए।

'Stories Matter' international conference inaugurated at BHU Varansi

कार्यक्रम के अंत में, प्रो. संजय कुमार ने अदिची के उद्धरण के माध्यम से सम्मेलन के अगले दो दिनों में संभावित उत्साह और सीखने की संभावनाओं को व्यक्त किया। अदिची कहती हैं,

“कहानियां मायने रखती हैं। कई कहानियां मायने रखती हैं। कहानियों का उपयोग लोगों को वंचित और बदनाम करने के लिए किया गया है, लेकिन कहानियों का उपयोग उन्हें सशक्त और मानवीय बनाने के लिए भी किया जा सकता है। कहानियां किसी समुदाय की गरिमा तोड़ सकती हैं, लेकिन कहानियां उस टूटी हुई गरिमा को फिर से जोड़ भी सकती हैं।”

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