श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अत्याधुनिक ईआरपी सिस्टम का पहला चरण लॉन्च
पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की डिजिटल इनोवेशन सेल ने अपने अत्याधुनिक एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम के पहले चरण को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह विश्वविद्यालय की डिजिटल यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने लॉन्च किया। पहले चरण में परीक्षा और अकादमिक मॉड्यूल शामिल हैं, जो एसवीएसयू के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों को हाईटेक करने के साथ-साथ देश के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक नया मानक स्थापित करेंगे। यह ईआरपी सिस्टम पूरी तरह से विश्वविद्यालय की टीम द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। यह एक पेपरलेस और पूर्णतः डिजिटलीकृत सिस्टम तैयार करेगा। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय के सभी कार्यों को एकीकृत करना और शैक्षणिक, प्रशासनिक, और संचालनात्मक क्षेत्रों में प्रभावशीलता बढ़ाना है।
ईआरपी सिस्टम के विकास और कार्यान्वयन ने छात्रों और संकाय सदस्यों को कौशल विकास का अनूठा अवसर मिलेगा। डिजिटल इनोवेशन सेल की टीम के साथ काम करते हुए छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किए हैं। इनोवेशन सेल की इंचार्ज प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने बताया कि विद्यार्थियों ने प्रोग्रामिंग के साथ -साथ सॉफ्टवेयर विकास करना सीखा। इंटरफेस बनाने में उनकी सार्थक भूमिका रही।डेटा प्रबंधन और विश्लेषण के माध्यम से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला।
संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू कहा कि , यह परियोजना एसवीएसयू की कौशल-आधारित शिक्षा मॉडल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव प्रदान करते हुए प्रभावशाली परियोजनाओं में योगदान करने का मौका देती है। यह लॉन्च एसवीएसयू को एक पूरी तरह से डिजिटल, छात्र-केंद्रित संस्थान बनाने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ईआरपी सिस्टम का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन न केवल आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार करेगा, बल्कि छात्रों के शिक्षण अनुभव को भी समृद्ध करेगा। हमारा लक्ष्य इसे एआई और एमएल जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के साथ विकसित करना है, ताकि एसवीएसयू उच्च शिक्षा में नवाचार के अग्रणी बने। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे नवाचार करते रहने का आह्वान किया।
इस ईआरपी सिस्टम के सफल कार्यान्वयन का नेतृत्व डिजिटल इनोवेशन सेल की इंचार्ज एवं डीन प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने किया। वेब एडमिनिस्ट्रेटर प्रवीण कुमार, वरिष्ठ सलाहकार सुनील फोतेदार, वरिष्ठ प्रोग्रामर आकाश, कृष्णा और डिजाइनर कुंदन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा, छात्रों ने इंटर्न के रूप में इस प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने बताया कि
इस परियोजना को आगे बढ़ाने में संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू और कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा का मार्गदर्शन काम आया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर.एस. राठौड़ और डिप्टी रजिस्ट्रार अंजू मालिक ने भी इसके लिए अपना सहयोग दिया।
एसवीएसयू का ईआरपी सिस्टम अत्यधिक स्केलेबल और फ्लेक्सिबल है, जो एक क्लाउड-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर पर चलता है। भविष्य में इसमें मानव संसाधन, वित्त, अनुसंधान, और छात्र कल्याण जैसे मॉड्यूल को शामिल किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग भी किया जाएगा, जो छात्र सफलता के पूर्वानुमान, व्यक्तिगत लर्निंग पथ और कमजोर छात्रों के लिए सक्रिय हस्तक्षेप जैसी सुविधाएँ प्रदान करेंगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के साथ संरेखित, यह प्रणाली संसाधनों की साझेदारी को सक्षम बनाते हुए संस्थानों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देगी।
डेटा-आधारित निर्णयों के लिए सशक्तिकरण
एसवीएसयू का ईआरपी सिस्टम उन्नत डेटा एनालिटिक्स क्षमताएँ प्रदान करता है, जो छात्रों के परिणामों का पूर्वानुमान लगाने, सफलता को मॉडल करने और व्यक्तिगत हस्तक्षेप डिजाइन करने में मदद करता है। यह क्षमताएँ छात्रों के लिए केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित करती हैं और संस्थागत संचालन को अनुकूल बनाती हैं।
एसवीएसयू और उससे आगे के लिए एक उपलब्धि
एसवीएसयू के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा:
“ईआरपी प्रणाली के पहले चरण के सफल लॉन्च के साथ, एसवीएसयू ने एक पूर्णतः डिजिटलीकृत, कुशल और सतत शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मंच तैयार कर दिया है। यह पहल अन्य विश्वविद्यालयों के लिए तकनीकी नवाचार का एक मॉडल बनेगी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित करेगी।