नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नवाचार और उद्यमिता पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

नई दिल्ली : नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (NSUT) में ‘नवाचार और उद्यमिता’ पर एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों, शोधकर्ताओं और इनक्यूबेशन मैनेजरों को नवीनतम तकनीकों, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और उद्यमिता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करना है, जिससे वे छात्रों को नवाचार-आधारित शिक्षा दे सकें।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें एनएसयूटी के कुलपति प्रो आनंद श्रीवास्तव, डीन प्रो एम पी एस भाटिया, सीएसई विभागाध्यक्ष प्रो सुषमा नागपाल और मुख्य अतिथि STPI, MeitY (भारत सरकार) के निदेशक सुबोध सचान उपस्थित रहे। प्रो आनंद श्रीवास्तव ने भारत की शोध और नवाचार में प्रगति पर चर्चा करते हुए बताया कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 2015 में 81वीं थी, जो 2024 में 39वीं हो गई है। उन्होंने इसे देश में तकनीकी विकास और स्टार्टअप संस्कृति के प्रति बढ़ते प्रयासों का परिणाम बताया।

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कुलपति और कैरियर डेवलपमेंट सेंटर प्रमुख ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे शिक्षकों के लिए स्टार्टअप और नवाचार संस्कृति को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। प्रो सुषमा नागपाल ने नवाचार के व्यापक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवाचार केवल तकनीक या व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्याओं के समाधान के लिए नए दृष्टिकोण अपनाने की प्रक्रिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुबोध सचान ने बताया कि स्टार्टअप्स और उद्यमों की सफलता के लिए नवाचार, अनुकूलनशीलता और रणनीतिक दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक हैं। इस अवसर पर एनएसयूटी के वरिष्ठ संकाय सदस्य, इनक्यूबेशन मैनेजर्स और अन्य शिक्षण संस्थानों से आए 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ गौरव सिंघल (समन्वयक) द्वारा किया गया, जिसमें डॉ विपिन पाल (सह-समन्वयक) ने आयोजन में सहयोग प्रदान किया।

एफडीपी का नेतृत्व संयोजक डॉ अभिनव तोमर और डॉ सुरेंद्र नागर द्वारा किया गया।

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