हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में गीता जयंती के उपलक्ष्य में सेमिनार आयोजित
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। श्रीमद्भगवत गीता विषय पर केंद्रित इस सेमिनार का आयोजन विभाग के श्रीमद्भगवत गीता से जीवन की सीख वैल्यू एडेड कोर्स के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। आयोजन में इस्कॉन अयोध्या के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आचार्य देव शेखर विष्णु दास और फेयरलीघ डिकिंसन यूनिवर्सिटी वेंकूवर कनाडा के प्रोफेसर अजय के गर्ग विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह जीवन को जीने की मार्ग प्रशस्त करती है। कुलपति ने इस अवसर पर उपस्थित विशेषज्ञ वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आयोजकों की इस सफल आयोजन के लिए सराहना की। कुलपति ने कहा कि अवश्य ही विद्यार्थी, शोद्यार्थी व शिक्षकों को इस सेमिनार के माध्यम से श्रीमद्भगवत गीता को और बेहतर ढ़ंग से जानने समझने में मदद मिलेगी।
आयोजन में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो अजय गर्ग ने प्रतिभागियों को श्रीमद्भगवत गीता के विभिन्न पक्षों से अवगत कराया और बताया कि कैसे आप गीता में वर्णित ज्ञान का अनुसरण का जीवन में सफलता के नए आयामों का प्राप्त कर सकते हैं। इसी क्रम में आचार्य श्री देव शेखर विष्णु दास ने भी गीता के ज्ञान और उसकी मानव जीवन में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे श्रीमद्भगवत गीता हमें जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम गीता के ज्ञान और उसकी आज के समय में उपयोगिता को भी उल्लेखित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सेमिनार की निदेशक प्रो सुनीता तंवर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो आनंद शर्मा ने बताया कि सेमिनार में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के मूल्यवर्धित पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा गीता से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। आयोजन में प्रो पायल चंदेल व डॉ देवेंद्र राजपूत ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। साथ ही संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों ने श्लोक वाचन भी किया।