हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में नदी संरक्षण पर सेमिनार
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) के पर्यावरण अध्ययन विभाग ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) और विश्वविद्यालय के औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के सहयोग से नदी संरक्षण पर केंद्रित सेमिनार का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा प्रायोजित था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य नदियों, विशेष रूप से यमुना नदी के संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यह कार्य सभी के सामूहिक सहयोग से ही संभव है।
आयोजन में विशेषज्ञ भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की डॉ. श्यामिली सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी को इस मिशन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। डॉ. सिंह ने कहा कि यमुना का संरक्षण सभी की जिम्मेदारी है और आज किए गए हमारे कार्यों का आने वाली पीढ़ियों पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा। विश्वविद्यालय में जैव रसायन विज्ञान विभाग की प्रो. नीलम सांगवान ने कहा कि हमें गर्व है कि हम इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जो न केवल तत्काल पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित करता है बल्कि एक स्थायी भविष्य की नींव भी रखता है। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम गहन चर्चा को प्रोत्साहित करने, विचारशील विचारों का आदान-प्रदान करने और नदी संरक्षण से जुड़े ज्वलंत मुद्दों के समाधान तलाशने का एक मंच है।
आयोजन की शुरुआत में कार्यक्रम की संयोजक और पर्यावरण अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोना शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और कार्यक्रम के उद्देश्यों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। डॉ. मोना ने बताया कि यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है। इसका अपना सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पारिस्थितिक महत्व है। यमुना लाखों लोगों की जीवनरेखा है। हालांकि, पिछले कई वर्षों में, यमुना नदी प्रदूषण, अत्यधिक दोहन, अतिक्रमण जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है इसीलिए नदियों को पुनर्स्थापित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. दुष्यंत कुमार द्वारा किया गया। आयोजन में सुश्री हिमांशी नेगी, सुश्री मोनिका सैनी ने सक्रिय भूमिका निभाई। आयोजन में डॉ. अनीता सिंह, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. अनुप यादव, डॉ. सुनील कुमार, सुश्री शालू, सुश्री पिंकी सहित विभिन्न विभागों के विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।