नशे के खिलाफ हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुआ राम गुरुकुल गमन का मंचन

कुलपति ने दिलाया विद्यार्थियों को नशा न करने का संकल्प

महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में मंगलवार को हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो व याहा हरियाणा के सहयोग से ‘राम गुरुकुल गमन‘ नाटक का मंचन हुआ। विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की प्राचीन संस्कृति में श्रीराम द्वारा ऋषि-मुनियों के तप को सुरक्षित करने और आधुनिक भारत में नशे व साइबर अपराध के विरुद्ध संदेश युवाओं को दिया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने इस आयोजन को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों को संकल्प दिलाया कि वे ना ही नशा करेंगे और न ही किसी को करने देंगे।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उप पुलिस अधीक्षक हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, करनाल सतीश वत्स व याहा हरियाणा के निदेशक अनिल कौशिक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन ओपी सिंह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवम प्रमुख हरियाणा राज्य नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के मार्गदर्शन में किया गया। इस कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण याहा हरियाणा के निदेशक और यूथ अफेयर्स के स्टेट नोडल ऑफिसर अनिल कौशिक द्वारा की गई।

कुलपति ने अपने संबोधन में इस आयोजन हेतु विभिन्न सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बधाई दी और कहा कि अवश्य ही भगवान श्रीराम के मार्ग पर चलकर नशे रूपी राक्षस का अंत सुनिश्चित होगा। विश्वविद्यालय के नशा उन्मूलन प्रकोष्ठ, छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, यूथ रेडक्रॉस व भारत स्काउट एंड गाइड के साझा प्रयासों से आयोजित इस संगीतमय नाटक के मंचन के माध्यम से प्रतिभागी युवाओं को रामायण में ऋषि विश्वामित्र के हवन की रक्षा भगवान श्रीराम के द्वारा किए जाने के प्रसंग के माध्यम से आधुनिक भारत में उत्पन्न नशा व साइबर अपराध की समस्या को लेकर युवाओं को जागरूक करने का प्रयास किया गया। राम गुरुकुल गमन के निर्देशक द्वारा बेहद अनोखे ढ़ंग से युवाओं को नए भारत के निर्माण के लिए प्रेरित किया गया।

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इस मौके पर विशिष्ट अतिथि श्री सतीश वत्स ने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अवश्य ही इस प्रयास के माध्यम से नशा मुक्ति अभियान को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अक्सर हम देखते हैं कि बड़े अपराधों के पीछे कहीं न कहीं नशे की भूमिका होती है। यदि युवा नशे को छोड़ दें तो इससे उत्पन्न होने वाले अपराधों पर भी लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि आज के नाटक के माध्यम से हमें संदेश मिलता है कि जिस प्रकार भगवान राम ने पुरातन काल में राक्षसों का नाश किया था, उसी प्रकार हमें भी एकजुट होकर नशे रूपी दानव का अंत करना होगा।

याहा हरियाणा के निदेशक अनिल कौशिक ने कहा कि कार्यक्रम के द्वारा त्रेता युग के भगवान राम प्रभु के करेक्टर को जोड़ लाइट, साउंड सिस्टम के माध्यम से आज के परिवेश में युवाओं को नशें के विरुद्ध एवं साइबर सुरक्षा संबंधित संदेश दिया गया। जिस प्रकार भगवान राम ने जमीन से जुड़कर उस समय के राक्षसों को खत्म किया उस प्रकार से ही इस नशा रूपी महादानव से हमें लड़ना है। इससे पहले इस नाटक को राष्ट्रीय युवा उत्सव, नासिक महाराष्ट्र में भी हरियाणा पुलिस के नशें के विरुद्ध सार्थक प्रयास को खूब सराहा गया। हरियाणा पुलिस का लाईट एवं साउंड माध्यम से इस नाटक के मंचन को खुबसूरती से युवाओं के अंतर्मन को छुआ गया और खूब सराहना हुई। पिछले माह १२ जून से २६ जून नशामुक्त भारत पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत भी इस प्रोग्राम को पंचकूला में किया गया। जिसकी पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर द्वारा खूब सराहना की गई।

इस नाटक के मंचन में रमेश सांपला, गिरिश कानोडिया, अशोक जांगड़ा, प्रमोद तिवाड़ी, विकास तिवाड़ी, चंद्रमोहन, अतुल लामडीवाल, सोहन टैनी, पुनीत भारद्वाज, प्रथम भारद्वाज, हर्ष सेन, जतिन अग्रवाल, साहिल यादव, लक्की यादव, विजय सैनी, सुनिल भोपा, जितेंद्र प्रजापत, प्रदीप सेन, रिषिका परतापुरिया, रेवाड़ी से संगीता, चंडीगढ़ से भावना, जयपुर से तुमिक्षा, नव्या जांगिड और माही ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में प्रो दिनेश चहल ने आयोजन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के नशा उन्मूलन प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ दिनेश कुमार ने दिया।

इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय से डॉ रेनु यादव, डॉ नीरज कर्ण सिंह, हिंदी विभाग के सहआचार्य डॉ कामराज सिंधु, विधि विभाग के डॉ प्रदीप कुमार, एनएसएस इकाई के संयोजक डॉ प्रदीप कुमार व डॉ नीलम सहित भारी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

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