राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई
शिवाजी महाराज ने दिया स्वधर्म, स्वराज्य का परिचय – प्रो भालेराव
अजमेर : “राष्ट्र की संस्कृति और मूल्यों की रक्षा करने से ही उसकी असली ताकत का एहसास होता है। शिवाजी महाराज ने इस राष्ट्र की सुप्त चेतना को जागृत किया, इसे संगठित किया और दासता से मुक्त किया,” यह बात राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में सभा को संबोधित करते हुए कही।




छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक भव्य और दिव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे शिव गर्जना के साथ युवा शौर्य रैली और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि – छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस प्रकार से राष्ट्र निर्माण का कार्य किया है, हिंदू समाज को जागृत करने का कार्य किया है वह सारे भारतवर्ष के लिए गर्व करने की बात है। शिवाजी महाराज ने आमजन के बीच मे राष्ट्रीय भावना और आत्मसम्मान को जगाने का कार्य किया है।
प्रो भालेराव ने बताया कि शिवाजी महाराज ने स्वराज्य, स्वधर्म का परिचय दिया है इसलिए शिवाजी को राष्ट्र पुरुष कहा जाता है। हिंदवी स्वराज कि संकल्पना को साकार करने के लिए शिवाजी महाराज ने अद्भुत पराक्रम दिखाया। जिस प्रकार से लोकहित और जनहित के कार्य भगवान श्री कृष्ण किया करते थे उसी प्रकार के कार्य शिवाजी महाराज भी किया करते थे। उन्होने बताया कि कई विदेशी यात्रियो ने छत्रपति शिवाजी महाराज को चालाक, तीक्ष्ण बुद्धि और कुशल रणनीतिज्ञ बताया।
उन्होंने कहा कि हमे अपने राजा के विचार, आदर्श और मूल्यों के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए, तभी हम अपने कार्य मे सफल होंगे। अपने अभिभाषण में कुलपति ने इतिहास के पन्नों में से छत्रपति शिवाजी महाराज से संबंधित कई रोचक और ज्ञानवर्धक प्रसंग सभी के साथ साझा किये।
विश्वविद्यालय में शिव गर्जना के साथ आयोजित हुई युवा शौर्य रैली एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। रैली मे विश्वविद्यालय के कर्मचारीगण और विद्यार्थी वर्ग ने बढ़ – चढकर भाग लिया। इसके साथ ही आरती और तिलक के साथ युवा शौर्य रैली का भव्य स्वागत भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान आई भवानी नृत्य, योग प्रदर्शन, काव्य गीत, भाषण, एवं लाठी कला का प्रदर्शन जैसी अनेक आकर्षक प्रस्तुतियां हुई जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति का स्वागत कुलसचिव अमरदीप शर्मा एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर गजानंद जोरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारी, विद्यार्थी एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल आयोजन के उपरांत डीन स्टूडेंट वेलफेयर गजानंद जोरे ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी अनुराधा मित्तल ने किया।