हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुआ युवा मंथन का आयोजन
कुलपति बोले युवाओं में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की समझ सक्रिय भागीदारी के लिए आवश्यक
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में गुरुवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशानुसार युवा मंथन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता का विकास और युवावो में राष्ट्रीय एवं वैश्विक मुदो पर जानकारी बढ़ाना है। विध्यार्तियों को दो अलग अलग वर्गों में बंटा गया यूएनडीपी और एईपीपीएम। यूएनडीपी में विध्यार्तियों ने अलग अलग देशों और एईपीपीएम में अलग अलग राजनीतिक दलों का नेतृत्व किया। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। कार्यक्रम की रूपरेखा व स्वागत भाषण छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो आनंद शर्मा के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार, सम कुलपति प्रो सुषमा यादव व कुलसचिव प्रो सुनील कुमार भी उपस्थित रहें।
पर्यावरण के लिए जीवनशैली विषय पर केंद्रित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने कहा कि अवश्य ही यह आयोजन विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था की समझ को विकसित करने और उनकी इस व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी। कुलपति ने अपने संबोधन में विश्व कल्याण के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि न सिर्फ भारत बल्कि समूचे विश्व में आपसी सहयोग, समरसता स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया की कैसे हमारा सामान्य जीवन राजनैतिक दलों से प्रभावित होता है। शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में युवाओं को चाहिए कि वो न सिर्फ लोकतांत्रिक व्यवस्था व उससे जुड़ी संस्थाओं को जाने समझे बल्कि वे इनकी कार्यप्रणाली में सक्रिय भागीदारी जोकि उनके स्तर पर संभव है, वो भी निभाए। कुलपति ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था जनता के लिए, जनता के द्वारा की नीति पर कार्य करती है और विश्व कल्याण के लिए आवश्यक है कि यह विचार समूचे विश्व के स्तर पर स्वीकार्य हो। आज समय है कि हम न सिर्फ संसद, विधानसभा जैसी संस्थाओं की प्रक्रिया को जाने समझे बल्कि उनमें सक्रिय भागीदारी भी करें। वोट का अधिकार तो हमें ज्ञात है आवश्यक है कि उसके महत्व को भी जाने।
कुलपति ने युवा मंथन के इस दिशा में बेहद आवश्यक और समय की मांग बताते हुए कहा कि अवश्य ही ऐसे ही प्रयासों और उनमें युवाओं की सक्रिय भागीदारी से विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित होगी। अपने अभिवादन का अंत करते हुए उन्होंने कहा एक अच्छे नेता को पता होना चाहिए कि राजनीति क्या है लेकिन राजनीति नहीं करनी चाहिए।
समकुलपति प्रो. सुषमा यादव कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन श्लोक का उचारण करते हुए अपने अभिवादन का आरंभ किया। सतत विकास बात करते हुए उन्होंने कहा हमे संसाधनों का उपयोग आने वाली पीदियों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। हमारे यहाँ प्रकृति की पूजा सदियों से चली आ रही है। उन्होंने कहा ज्ञान और विज्ञानं के मिश्रण से ही हमारा विकास होगा। सम कुलपति प्रो.सुषमा यादव ने इस आयोजन के लिए विश्वविद्यालय कुलपति व छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के प्रति आभार व्यक्ति करते हुए कहा कि यह आयोजन विद्यार्थियों को न सिर्फ भारत बल्कि समूचे विश्व के भविष्य के लिए आवश्यक पर्यावरणीय नीतियों को जानने समझने और उनपर विमर्श का अवसर प्रदान कर रहा है।
आयोजन में शामिल युवाओं से यही आशा है कि वो इस विषय की गंभीरता को समझते हुए अपनी-अपनी भूमिका के अनुरूप आवश्यक विमर्श प्रस्तुत करेंगे। मौजूदा योजानाओं की जानकारी से लेकर भविष्य की कार्ययोजना तक की समझ विकसित करने का यह एक अहम अवसर है आशा करती हूं कि इस आयोजन के माध्यम से हमारे विद्यार्थी न सिर्फ देश बल्कि विश्व के समक्ष नए विचारों के प्रसार की दिशा में अग्रसर होंगे। हमारा सपना विकसित भारत का निर्माण करता है और यह पूरा तभी होगा जब समूचा विश्व विकसित होगा, क्योंकि हमारे विकास में ही विश्व का विकास है। अभिवादन के अंत में कहा की विकसित भारत में विकसित विश्व छुपा है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने इस आयोजन को विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता के विकास और देश-दुनिया के समक्ष उपलब्ध समस्याओं जानने समझने और उनका समाधान खोजने की दिशा में उपयोगी बताया। प्रो आनंद शर्मा ने बताया कि यूजीसी के निर्देशानुसार यह कार्यक्रम यूएनडीपी की सांझेदारी के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। आयोजन में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपने विचार रखने का अवसर भी मिलेगा।
एक दिवसीय इस कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ नीरज कर्ण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा विद्या वही है जो भावो को ले जाये लेकिन उसे बांधे ना। और कहा की भारत योग की संस्कृति है भोग की नहीं। इस युवा मंथन के माध्यम से हम युवओं को मथ रहे है।एईपीपीएम के अध्यक्ष प्रो बीरपाल सिंह यादव, उपाध्यक्ष डॉ आरती यादव और महासचिव डॉ मोना शर्मा रही। यूएनडीपी अध्यक्ष प्रो नीलम सांगवान, उपाध्यक्ष प्रो पायल चंदेल और महासचिव प्रो कांति प्रकाश रहे। अंत में पांच प्रतिभागियों को अगले स्तर के लिए चयनित किया जायेगा। कार्यक्रम के आयोजन छात्र कल्याणा अधिष्ठाता कार्यालय से डॉ रेणु यादव, डॉ मुलका मारूति ने विशेष सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम के आयोजन में विध्यार्तियो दविंद्रा, अर्जुन, हलीमा रीमा, सचिन, कुलदीप, गौतम, प्रज्ञा, श्रुति, अंकिता और भावना का अहम सहयोग रहा।
विजेता :
यूएनडीपी
प्रथम: मुकेश कुमार
द्वितीय: संदीप कुमार मंडल
तृतीय: कृतिका
एआईपीपीएम
प्रथम: सिया सहरान
द्वितीय:रूचि समिता नाग
तृतीय: मानसी चौधरी