हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में टेलीविजन लेखन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजित
हरियाणा / महेंद्रगड :हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा विद्यार्थियों में टेलीविजन लेखन कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में एबीपी न्यूज के कार्यकारी निर्माता एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार कौशिक विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने विभाग के विद्यार्थियों को कार्यशाला के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसी कार्यशालाएं विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। इससे विद्यार्थी न केवल मीडिया उद्योग की बारीकियों को सिखते हैं बल्कि कार्यशाला मंे आने वाले वक्ता ही उनके मार्गदर्शक बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास वर्तमान समय में सबसे अधिक जरूरी है।
कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञ श्री अशोक कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है, जहां विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी मिलकर बहुभाषी समाचार बुलेटिन तैयार कर रहे हैं। यह एक गर्व की बात है। श्री कौशिक ने अपने संबोधन में स्क्रिप्ट लेखन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह पत्रकारिता का मूल आधार है। उन्होंने बताया कि टेलीविजन न्यूजरूम में काम करने से पहले उसके कामकाज को समझना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लेखन कौशल में तकनीकी सहायता का उपयोग सीमित होता है, और अच्छे लेखन के लिए गहरी समझ और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है।
कौशिक ने कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों को समाचार शीर्षक लेखन का व्यावहारिक अभ्यास कराया और बताया कि शीर्षक संक्षिप्त, सटीक, और आकर्षक कैसे होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता में सफलता के लिए पढ़ाई की आदत और रचनात्मकता का होना अनिवार्य है। कार्यशाला के समापन पर विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने मुख्य अतिथि को सम्मानित किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. अशोक कुमार ने कहा, आज की मीडिया इंडस्ट्री में स्क्रिप्ट लेखन एक अत्यंत महत्वपूर्ण कौशल है। ऐसे में विद्यार्थियों को इस कौशल में पारंगत करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा हमारा एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद कोई भी विद्यार्थी बेरोजगार न रहे। हमारे सभी प्रयास इस दिशा में केंद्रित हैं कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ उद्योग की नवीनतम जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाए। इस अवसर पर डॉ. नीरज करण सिंह ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की, और डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. भारती बत्रा, शोधार्थी, एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।