काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भारत कला भवन संग्रहालय में एक दिवसीय व्याख्यान

दिनांक 9 नवंबर 2024 को भारत कला भवन संग्रहालय में एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय “भरहुत स्तूप: भारत में सामाजिक एवं दार्शनिक विचारों के आयाम” तथा मुख्य वक्ता डॉ० सुद्युम्न आचार्य,निदेशक, भरहुत कला संग्रहालय, सतना, मध्य प्रदेश थे।

One day lecture at Bharat Kala Bhavan Museum of Kashi Hindu University

भरहुत की कला शुंग काल की कला का प्रतिनिधित्व करती है। भरहुत स्तूप पर तिमंगल जातक की कथाएं, बुद्ध के जन-जीवन से संबंधित चित्रण तथा अन्य जातक कथाओं के माध्यम से तत्कालीन सामाजिक परिवेश का चित्रण मिलता है। यह स्तूप लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। इसके अन्य अवशेष इंडियन म्यूजियम कोलकाता, इलाहाबाद संग्रहालय तथा भारत कला भवन में भी संग्रहीत हैं। डॉ० आचार्य ने बताया कि भरहुत स्तूप का भारत के सामाजिक एवं दार्शनिक परिवेश को व्यापक रूप से प्रभावित किया।

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इस अवसर पर प्रोफेसर श्री रूपराय चौधुरी, निदेशक, भारत कला भवन, डॉ० जयंत कुमार, डॉ रवि शंकर, आर्य महिला पी. जी. कॉलेज, चेतगंज, प्रो० सीमा, डी.ए.वी. कॉलेज, औसानगंज वाराणसी, डॉ० विराग सोनटक्के, प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय, एवं विश्वविद्यालय  के छात्र-छात्राएं तथा भारत कला भवन के समस्त कर्मचारी-गण उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रियंका चन्द्रा, सहा० संग्रहाध्यक्ष ने किया। 

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