नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट का दिल्ली विश्वविद्यालय में वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम उत्साह में संपन्न

भारतीय ज्ञान परंपरा अधिक व्यवस्थित और तार्किक – सुधांशु त्रिवेदी
गुलामी के भाव से मुक्त है सरकार

सभी वर्गों को समर्पित है सरकार – सुधांशु त्रिवेदी
एम वायरस ने देश को पीछे धकेला

दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन

नई दिल्ली : नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विकसित, समृद्ध और सनातन भारत की संकल्पना विषय पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रो बलराम पाणी ने की।इसके साथ ही एन डी टी एफ के दीनदयाल उपाध्याय स्टडी सर्कल और डी यू के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में समकालीन भारत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।

वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले एक दशक से देश में नया वातावरण बन रहा है। नब्बे के बाद अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में जो सरकार बनी वह सरकार गुलामी की मानसिकता से मुक्त थी।मोदी सरकार ने इस गुलामी से मुक्ति के भाव को आगे बढ़ाया है। मोदी सरकार स्व का भाव लेकर चलती है।यह बहुत बड़ा विजन है जिसके लिए प्रधानमंत्री ने पांच प्रण की संकल्पना की है जिसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत करना,गुलामी से मुक्ति की ओर जाना,अपनी विरासत पर गर्व करना नागरिक कर्तव्य पर फोकस और सामूहिक नागरिक प्रयास करना शामिल है ।

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सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एम वायरस ने देश को पीछे धकेला है। एम वायरस की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि मैकाले और मार्क्सवाद एम वायरस के प्रतीक हैं जिन्होंने देश को पीछे धकेला है।नवदुर्गा के नौ दिनों की मनोविज्ञान और समकालीन संदर्भ में व्याख्या की। हिंदू देवी देवताओं की आलोचना करने वालों को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया । प्राचीन भारतीय ज्ञान, दर्शन और विचार के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह विश्व में सबसे तार्किक और वैज्ञानिक है। भारतीय धरोहर को नई पहचान मिल रही है। भारतीय गणना बहुत सटीक है। पश्चिमी महीनों और दिनों की गणना की तुलना में भारतीय ग्रहों की परिभाषा अधिक तार्किक आधार पर की गई है। श्री राम लला के मंदिर का निर्माण बदलते परिवेश का परिचायक है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बिजली ,पानी ,अर्थव्यवस्था, आधारभूत संरचना , मुद्रा भंडार,तकनीक और स्पेस आदि सभी क्षेत्रों में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महिलाओं के लिए राजनीति में आरक्षण के लिए राजनीति काम किया गया। भारत में धर्म और विज्ञान एकाकार रहे हैं। इन दोनों को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
स्वागत वक्तव्य में एन डी टी एफ एन डी टी एफ अध्यक्ष प्रो अजय कुमार भागी ने कहा कि चैत्र नवरात्र के पूर्व आज पवित्र दिवस में श्री राम लला का भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा गौरव का क्षण है जिसके लिए बहुत प्रतिक्षा करनी पड़ी थी। आजादी के पच्चीस साल बाद कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और आपातकाल का सामना करना पड़ा । देश में जब से राष्ट्रीय विचारधारा की सरकारें आने के बाद से विकास,राष्ट्रीय गौरव और सामाजिक समरसता का मार्ग प्रशस्त हुआ। देश पिछले दस वर्षों से तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर यह सुखद विषय है कि आरक्षण के प्रावधानों का पालन करते हुए चार हजार से ज्यादा स्थाई शिक्षक नियुक्तियां दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई हैं।

प्रो भागी ने बताया कि आगे एन डी टी एफ का लक्ष्य डी यू में बाकी बची हुई नियुक्तियां , गत पूरे तदर्थ अनुभव को सेवा में शामिल करना, प्रमोशन और दिल्ली सरकार के बारह कॉलेजों की समस्या का स्थाई समाधान कराना रहेगा। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो बलराम पाणी ने कहा सभी की वर्ष प्रतिपदा की शुभकामना देते हुए कहा नए साल में नया संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने आवाह्न किया कि भारत को विकसित और समृद्ध बनाने का संकल्प लेना होगा।कार्यक्रम का संचालन डी यू कार्यकारी सदस्य सुनील कुमार ने किया।

दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन पर आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्य सभा सांसद महेश चंद्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर के निदेशक प्रो श्री प्रकाश सिंह सहित डूटा अध्यक्ष प्रो अजय कुमार भागी भी उपस्थित रहे।

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो अजय कुमार भागी ने की। संगोष्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देश के भर के 600 से अधिक शिक्षकों ने हिस्सा लिया और तीस से अधिक शोध पत्र की प्रस्तुति की गई। प्रो अजय कुमार भागी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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