राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

“शिक्षक देश हित आधारित शोध पर दे ध्यान”- प्रो आनंद भालेराव

अजमेर : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में “वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नवाचार में भारतीय युवाओं को विकसित भारत के लिए वैश्विक नेतृत्व हेतु सशक्त बनाना” की थीम पर आधारित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान, वैज्ञानिक पोस्टर, मॉडल और नवाचारों पर आधारित “कणाद से कलाम” नामक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसका औपचारिक उद्घाटन राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव द्वारा किया गया। यह समारोह युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर कुलपति द्वारा एक स्मारिका भी जारी की गई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भालेराव ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने यह भ्रामक धारणा स्थापित करने का प्रयास किया कि भारतीयों का विज्ञान से कोई संबंध नहीं है। लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और ऐसे नवाचार किए, जिनकी पूरे विश्व ने सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि लोकमान्य तिलक न केवल एक क्रांतिकारी और राजनेता थे, बल्कि एक कुशल गणितज्ञ भी थे।

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कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने भाषण में जगदीश चंद्र बोस जैसे महान वैज्ञानिक की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए आविष्कारों और खोजों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि मार्कोनी जैसे वैज्ञानिक को नोबेल पुरस्कार मिलने के पीछे जगदीश चंद्र बोस की प्रेरणा और योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।

कुलपति ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के शिक्षकों से आग्रह किया कि वे ऐसे शोध कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाएं जो समाज और देश के लिए लाभकारी हों। साथ ही, अपने अनुसंधान और प्रयासों के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

इस मौके पर आस – पास के विभिन्न स्कूलों जैसे – बिरला पब्लिक स्कूल, शुभ मंगलम स्कूल, मुंड़ोती के सरकारी स्कूल से आए विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने नवीन और रचनात्मक मॉडल्स प्रदर्शित किए, जिसका कुलपति द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान कुलपति ने विद्यार्थियों की सोच की सराहना की और साथ ही मॉडल्स को और बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए।

तीन दिन तक चले इस आयोजन के मुख्य आकर्षण रहे – प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा विशेष व्याख्यान, एमएससी और पीएचडी के छात्रों के द्वारा त्वरित शोध प्रस्तुतियाँ, विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुतियाँ, कला और विज्ञान की प्रस्तुति, पैनल चर्चा, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, वाद-विवाद और अभिनव शोध/विचार जैसी आकर्षक प्रस्तुतियाँ होंगी। इन सभी गतिविधियों में लगभग 200 विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। विजेता प्रतिभागियों को कुलपति महोदय द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस तीन दिवसीय आयोजन मे विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो सी सी मंडल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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