हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति केंद्रित अभिमुखी एवं जागरुकता प्रोग्राम का हुआ समापन
मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ आयोजन
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत आयोजित सातवें राष्ट्रीय शिक्षा नीति केंद्रित अभिमुखी एवं जागरूकता प्रोग्राम का समापन हो गया। दस दिवसीय इस आयोजन में देशभर सेे विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 119 शिक्षकों व शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। इस प्रोग्राम के अंतर्गत 16 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार के द्वारा की गई। कुलपति ने इस आयोजन के अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सीधे तौर पर उद्यमिता विकास, बहुविषयक अध्ययन के विकल्प व सीखने की स्वतंत्रता प्रदान करती है।
आयोजन के समापन सत्र में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो सुषमा यादव मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा और नई शिक्षा नीति के महत्त्वपूर्ण स्तम्भों का उल्लेख अपने संबोधन में किया। विश्वविद्यालय में मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के निदेशक प्रो प्रमोद कुमार तथा उपनिदेशक प्रो सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आयोजन में विशेषज्ञों ने भारतीय ज्ञान परंपरा, शैक्षणिक नेतृत्व एवं प्रशासन, सूचना एवं संचार तकनीक, कौशल विकास, स्टूडेंट डाइवर्सिटी और समग्र शिक्षा विषय पर विस्तार से बात रखी।
इस आयोजन में विशेषज्ञ के रूप में एनसीईआरटी के प्रो एस के यादव, एनसीईआरटी की पूर्व शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो सरोज बाला, हकेवि के डॉ संतोष सीएच, श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, पलवल के प्रो ऋषिपाल; हकेवि के प्रो पवन कुमार मौर्य; कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो जी आर अंगाड़ी; कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षा पीठ के पूर्व अधिष्ठाता प्रो आर एस यादव; हकेवि के प्रो संजीव कुमार व प्रो सुरेंद्र सिंह; गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यलाय, हिसार की शिक्षा पीठ की अधिष्ठाता प्रो वंदना पुनिया; लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो उमेश चंद वशिष्ठ; एमडीयू, रोहतक के पूर्व कुलपति प्रो बिजेंद्र पुनिया; श्री माँ वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के प्रो सुपर्ण कुमार शर्मा शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में आयोजन के सह संयोजक डॉ अभिजीत प्रमाणिक और डॉ विनोद कुमार ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। समापन सत्र के अंत में प्रो प्रमोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।