महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में ‘उभरते भारत में युवाओं की भूमिका’ विषय पर हुआ व्‍याख्‍यान

उभरते भारत में ओजस्वी-तेजस्वी युवाओं की जरूरत – विजया शर्मा

वर्धा : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में विकसित भारत @2047 व्‍याख्‍यानमाला के अंतर्गत ‘उभरते भारत में युवाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित विशिष्‍ट व्‍याख्‍यान में राष्‍ट्र सेविका समिति, दिल्‍ली की अखिल भारतीय तरूणी विभाग प्रमुख विजया शर्मा ने कहा कि उभरते भारत में ओजस्वी-तेजस्वी युवाओं की जरूरत है। हमें विविधता में एकता विरासत में मिली है। युवाओं को अपनी संस्‍कृति और परंपराओं का अनुसरण करते हुए निष्‍काम कर्म से जीवन में निस्पृहता लानी चाहिए। शुक्रवार, 17 जनवरी को महादेवी वर्मा सभागार में आयोजित व्‍याख्‍यान की अध्‍यक्षता विवि के कुलपति प्रो कृष्‍ण कुमार सिंह ने की।

Lecture on 'Role of Youth in Emerging India' at Mahatma Gandhi International Hindi University

विजया शर्मा ने इतिहास के मध्यकाल और आधुनिक काल की चर्चा करते हुए स्‍वामी विवेकानंद, वीर सावरकर, देवी अहिल्‍या, द्रौपदी, यमुनाबाई, रुक्मिणी आदि के अध्‍यात्‍म, सांस्‍कृतिक योगदान और कुशल प्रबंधन पर अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा कि श्रीकृष्‍ण और राम ने अपनी युवा अवस्‍था में भारत की समृद्ध संस्‍कृति का परिचय कराया था। उन्‍होंने आज के युवाओं को उभरते भारत के लिए धर्म के सत्य, शुचिता, करुणा और तप इन चार लक्षणों का पालन कर अपना योगदान देने का आह्नान किया।

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अध्‍यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि युवाओं को ‘विकसित भारत @2047’ की दिशा में अपने मूल्य, परंपरा और स्वत्व की पहचान कर दुनिया में अपनी छबी बनानी चाहिए। स्‍वामी विवेकानंद के शिकागो व्‍याख्‍यान का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि विवेकानंद ने पढ़ाई, स्वास्थ्य और खेल पर अधिक बल दिया था। उनका मानना था कि स्वस्थ मस्तिष्क से स्वस्थ मानस बनता है। युवाओं को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। कुलपति प्रो सिंह ने विजया शर्मा का स्‍वागत अंगवस्‍त्र, विवि का प्रतीक चिन्ह एवं सूतमाला से किया।

संचालन अनुवाद अध्‍ययन विभाग की सहायक प्रोफेसर, कार्यक्रम की संयोजक डॉ. मीरा निचळे ने किया तथा विवि के कुलसचिव प्रो आनन्‍द पाटील ने आभार माना। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कुलगीत से तथा समापन राष्‍ट्रगान से किया गया।

इस अवसर डॉ रामानुज अस्‍थाना, डॉ अशोक नाथ त्रिपाठी, डॉ जयंत उपाध्‍याय, डॉ राकेश मिश्र, बी एस मिरगे, डॉ शिवाजी जोगदंड, डॉ गजानन निलामे, डॉ अंजनी राय, डॉ हिमांशु नारायण, नीतू सिंह, राष्‍ट्र सेविका समिति, पश्चिम क्षेत्र तरूणी विभाग प्रमुख लीना घारपुरे, राष्‍ट्र सेविका समिति, विदर्भ प्रांत सह तरूणी प्रमुख जान्‍हवी पानट, राष्‍ट्र सेविका समिति, विदर्भ प्रांत कार्यकारिणी की अपर्णा हरदास, राष्‍ट्र सेविका समिति की डॉ शितल मशानकर सहित बड़ी संख्‍या में कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की सफलता हेतु डॉ कुलदीप पाण्‍डेय, संगीता मालवीय, वर्षा फुलझेले, राधा ठाकरे, प्रतिभा भोयर, प्रिया माळी, मुशीर, सौरभ, अश्विन आदि ने सहयोग किया।

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