राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में डिजिटल उपकरणों पर पाँच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ

किशनगढ : राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण और अधिगम में डिजिटल उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 11 से 15 नवम्बर तक होगा आयोजन मे पहले दिन एनआईटीटीटीआर भोपाल से प्रो चंचल मेहरा और प्रो अस्मिता खजांची ने विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल तकनीक के उपयोग का ज्ञान और कौशल प्रदान करना है ताकि वे शैक्षणिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बना सकें।

प्रथम दिन के तकनीकी सत्रों मे प्रो चंचल मेहरा और प्रो अस्मिता खजांची ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षा में आईसीटी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने डिजिटल शिक्षा के महत्व और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया जो कि आधुनिक शिक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आईसीटी तकनीके शिक्षा को दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों तक पहुँचाने मे सहायक हो रही हैं।

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राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि  “डिजिटल उपकरणों का प्रभावी उपयोग शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ बेहतर और इंटरैक्टिव तरीके से जोड़ने में मदद करेगा। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के लिए नए अवसर पैदा करेंगे और डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक होंगे।”

पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण में विभिन्न डिजिटल उपकरणों के उपयोग उनके शैक्षणिक अनुप्रयोगों और कक्षा में प्रभावी एकीकरण के लिए रणनीतियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के प्रमुख विषयों में डिजिटल शिक्षण के लिए बदलते ढांचे और मॉडल, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे स्वयं, मूक्स और एलएमएस का उपयोग, इंटरैक्टिव सामग्री निर्माण जैसे वीडियो, गेमीफिकेशन, सिमुलेशन, एआर और वीआर, और मूल्यांकन उपकरण शामिल हैं।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रही स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस की प्रो ममता रानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल उपकरणों के महत्व पर जोर दिया उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरण आधुनिक शिक्षा का एक अनिवार्य अंग बन चुके हैं और शिक्षा में नए आयाम जोड़ रहे हैं।

 इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ शैज़ी अहमद, डॉ रुचि मलिक और डॉ सुखमंदर सिंह द्वारा किया गया, और यह आयोजन कुलपति प्रो आनंद भालेराव के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।

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