काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ‘मानव संसाधन की चौड़ाई के कायापलट पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (IC-MHRW 2024)’ का आयोजन

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के सेमिनार कॉम्प्लेक्स में ‘मानव संसाधन की चौड़ाई के कायापलट पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (IC-MHRW 2024)’ का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य विषय था, “समकालीन युग में ओबी और एचआर की गतिशीलता को अपनाना”। सम्मेलन की शुरुआत वाणिज्य संकाय के प्रमुख और डीन, प्रो. एच.के. सिंह द्वारा अतिथियों, संकाय सदस्यों, प्रतिनिधियों एवं विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए की गई। उन्होंने भारत के समृद्ध इतिहास और सरकार की भूमिका पर जोर देते हुए आत्मनिर्भर भारत के नारे को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पी.एच.डी. के माध्यम से धैर्य, कड़ी मेहनत और समर्पण का महत्व भी रेखांकित किया। इसके बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह और बनारसी ब्रोकेड शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एस.सी. दास ने सम्मेलन के विषय और मानव संसाधन के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में मानव संसाधन के क्षेत्र में गहरे बदलाव की आवश्यकता है और पूर्वी देशों को पश्चिमी देशों से मानव संसाधन प्रथाओं और नीतियों में सीखने की जरूरत है। सम्मेलन में कुल 250 प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिसमें 7 देशों से महिला शोधकर्ताओं ने सबसे अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए।

Kashi Hindu University organizes 'International Conference on Transformation of Human Resource Diversity (IC-MHRW 2024)

प्रमुख वक्ता प्रो. टी.वी. राव ने अपने भाषण में एआई के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि यह हमारे जीवन का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इंसानों की जगह नहीं ले सकता। उन्होंने शोधकर्ताओं से भारतीय शोधकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करने की बात की और भगवद गीता से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी।

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प्रो. अजय कुमार सिंह, श्री विश्वविद्यालय कटक, ओडिशा के पूर्व कुलपति ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए जीवन मूल्यों में बदलाव के लिए पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ‘समकालीन युग में ओबी और एचआर की गतिशीलता’ पर एक स्लाइड शो प्रस्तुत किया, जिसमें विविधता, समानता, समावेश, और आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

डॉ. एम.एच. राजा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्मिक प्रबंधन संस्थान, कोलकाता ने एचआर प्रथाओं से जुड़ी कहानियों के माध्यम से संगठनात्मक कल्याण में एचआर के महत्व को उजागर किया।

श्री भागीरथ जालान, जालान एंटरप्राइजेज के सीईओ ने अपने संगठन में लागू किए गए एचआर नीतियों और बेहतर एचआर प्रतिधारण पर विस्तार से चर्चा की।

सम्मेलन का समापन प्रो. आर.एस. मीना द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इसके अलावा, डॉ. रामेश्वर एस. तुरे, आईआईएम काशीपुर ने एचआर मीट्रिक और एनालिटिक्स पर एक मुख्य सत्र का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न एचआर मीट्रिक और एनालिटिक्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

सम्मेलन में डॉ. सागी मैथ्यू (कर्टिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया), प्रो. अमलान भूषण (अध्यक्ष, एमबीआई ग्लोबल लिमिटेड, यूनाइटेड किंगडम), प्रो. आलमगीर हुसैन (हाजी मोहम्मद दानेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांग्लादेश), और प्रो. अजय कुमार सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय) जैसे प्रमुख वक्ता उपस्थित रहे।

यह सम्मेलन समकालीन ओबी और एचआर की गतिशीलता को अपनाने की आवश्यकता पर केंद्रित था, और इसमें दुनियाभर के विशेषज्ञों ने अपनी विशेषज्ञता साझा की।

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