काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिवार ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर अर्पित की श्रद्धांजलि

वाराणसी : 19 नवम्बर 2024 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिवार ने अपने संस्थापक, महान शिक्षाविद्, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विश्वविद्यालय के सभी सदस्य मालवीय जी के जीवन और उनके मूल्यों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए।महामना के निवास रहे ऐतिहासिक मालवीय भवन में कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, कुलगुरु प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा और मालवीय भवन के निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, शिक्षक, छात्र, अधिकारी और कर्मचारी एकत्र हुए। इस अवसर पर कुमारी रुपल शुक्ला और अन्य छात्रों ने वेद पाठ एवं गीता पाठ किया, जो समारोह में एक विशेष आध्यात्मिक माहौल का निर्माण करने के लिए प्रस्तुत किया गया।

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Kashi Hindu University BHU family pays tribute to Mahamana Pandit Madan Mohan Malviya on his death anniversary

इस वर्ष मालवीय जी की पुण्यतिथि के अवसर पर मालवीय भवन में पहली बार भागवत पारायण का आयोजन भी किया गया। यह पारायण 18 नवम्बर 2024, सोमवार को प्रात: 8 बजे गणेश पूजन एवं महामना के पूजन के साथ आरंभ हुआ। मुख्य पूजन मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल ने किया। पारायण में प्रो. माधव जनार्दन रटाटे, प्रो. शैलेश कुमार तिवारी, प्रो. रमाकांत पाण्डेय, प्रो. शीतला प्रसाद पाण्डेय, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, प्रो. कमलेश झा, डॉ. प्रियव्रत मिश्र, डॉ. नारायण प्रसाद भट्टराई, पं. सुकेशाचार्य, मोहन अवस्थी, केशव घिमिरे, सत्यनारायण पाण्डेय, धीरज तिवारी, उत्कर्ष स्टाटे जैसे विद्वान उपस्थित रहे। यह पारायण मंगलवार, 19 नवम्बर की शाम तक अनवरत चलता रहा।

पारायण की पूर्णता के समय कुलगुरु प्रो. संजय कुमार ने उपस्थित होकर पुस्तक पूजन एवं वाचक पूजन किया। इस अवसर पर प्रो. पतंजलि मिश्र, प्रो. उपेन्द्र त्रिपठी, प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी, प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी, डॉ. शशांक पुराणिक, डॉ. एकदन्त चतुर्वेदी, श्री विकास मिश्र और समस्त मालवीय भवन कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम के माध्यम से महामना के शिक्षात्मक और समाज सुधारक योगदान को पुनः स्मरण किया और उनके आदर्शों के पालन की प्रेरणा ली।

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