काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जर्मनी में नौकरी के अवसरों पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

– कार्यशाला में जर्मनी में नौकरी के अवसरों और मानवीय संसाधन की कमी पर हुई चर्चा

उत्तर प्रदेश – वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कार्यालय में आज एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य जर्मनी में नौकरी के अवसरों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान करना था। इस कार्यशाला का संयोजन बीएचयू के जर्मन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्योति शर्मा ने किया।कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित मदन मोहन मालवीय जी के माल्यार्पण एवं बीएचयू के कुलगीत से हुआ, जिसके बाद मुख्य वक्ता डॉ. जोसेफ नौयमायर, जो मैकडॉनल्ड्स जर्मनी एल.एल.सी. के फ्रेंचाइज़ी हैं, ने जर्मनी में नौकरी के अवसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. नौयमायर ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के उत्तर दिए और जर्मनी में मानव संसाधन की कमी के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि जर्मनी को अस्पतालों, रेस्तरां और अन्य क्षेत्रों में कर्मचारियों की जरूरत है और वे भारतीय पेशेवरों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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International Workshop on Job Opportunities in Germany organized at Kashi Hindu University

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर माया शंकर पांडे ने जर्मनी और भारत के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला और जर्मन शिक्षा प्रणाली को विश्व में सर्वोत्तम बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाने की कोशिश की कि जर्मनी में शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए क्या विशेषताएँ हैं और कैसे भारतीय विद्यार्थी इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।

जर्मन अध्ययन केंद्र के विभाग प्रमुख प्रो. एम. के. नटराजन ने हाल ही में जर्मनी के चांसलर और भारत के प्रधानमंत्री के बीच हुई मुलाकात का उल्लेख करते हुए दोनों देशों के बीच हुए समझौतों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार और शैक्षिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

International Workshop on Job Opportunities in Germany organized at Banaras Hindu University

कार्यशाला का आयोजन कला संकाय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. रणजीत शांडिल्य और जर्मन अध्ययन विभाग के सभी सदस्यों के सहयोग से हुआ। कार्यशाला ने विद्यार्थियों को जर्मनी में रोजगार प्राप्त करने के तरीकों और आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्रदान की, जिससे विद्यार्थियों में उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ।

इस कार्यक्रम ने भारतीय विद्यार्थियों के लिए जर्मनी में रोजगार की संभावनाओं को और अधिक स्पष्ट किया और उन्हें वैश्विक कार्यक्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया।

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