हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में 78 वें स्वतंत्रता पर समारोह का हुआ आयोजन
कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने किया ध्वजारोहण
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोह लिया सभी का मन
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को ध्वजारोहण समारोह का आयोजन हुआ। 78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने प्रशासनिक भवन के सामने तिरंगा झंडा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रो टंकेश्वर कुमार ने उपस्थित लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम आज आजादी का पर्व मना रहे हैं।
कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सहभागियों के साथ भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व देश की सीमा की रक्षा करने वाले वीर जवानों के सेवा, समर्पण व त्याग को याद किया और कहा कि आज हम इन्ही वीर सपूतों के त्याग व बलिदान के कारण सुरक्षित है। इससे पूर्व में कुलपति ने विश्वविद्यालय स्थित विद्या वीरता स्थल पर वीर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो सुषमा यादव, विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो सुनीता श्रीवास्तव, कुलसचिव प्रो सुनील कुमार, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो संजीव कुमार व शोध अधिष्ठाता प्रो पवन कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे।
प्रो टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन करने का दिन है जिनकी शौर्य गाथाओं की चर्चा भी नहीं होती है। कुलपति ने कहा कि हमारा राष्ट्र ध्वज देश के शौर्य व विजय का प्रतीक है। यह हमें अपने ज्ञान व कर्म से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। स्वतंत्रता दिवस का यह आयोजन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए खुशहाल भारत के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने की प्रेरणा देता है। कुलपति ने कहा कि यह आजादी भारत के जनमानस के त्याग, तपस्या व बलिदान का प्रतीक है। यह बलिदान आने वाली पीढ़ियों को याद रहे इसके लिए ऐसे उत्सवों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर प्रतिभागियों विशेषकर युवाओं को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी व जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण में योगदान करने का संकल्प दिलाया।
कुलपति ने कहा कि विकसित भारत का निर्माण ज्ञान व शिक्षा के प्रचार-प्रसार से ही संभव है। शिक्षा से ही हम असमानता, लिंगानुपात, गरीबी, कुपोषण जैसी समास्याओं को समाप्त कर भ्रष्टाचार मुक्त, विकसित, समग्र व गरीब मुक्त एवं वैभवशाली भारत का सपना पूरा कर सकते हैं। इस अभियान में युवाओं की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहने वाली है और इस युवा शक्ति को तैयार करने की अहम जिम्मेदारी शिक्षकों की है।
विश्वविद्यालय की प्रगति का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि विभिन्न मानक एजेंसियों की नजर में हकेवि निरंतर प्रगति कर रहा हैं। विश्वविद्यालय एक वैश्विक स्तर का श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान बने यह हम सभी का सपना है। अवश्य ही हम मिलकर विकसित भारत के निर्माण में विश्वविद्यालय का उल्लेखनीय योगदान सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का उत्कृष्ट केंद्र बने इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। हर विद्यार्थी के लाइफ साईकिल का सम्पूर्ण ऑटोमेशन किया जा रहा है। रिकॉर्ड समय में परीक्षा परिणाम जारी किए जा रहे हैं।
संसाधनों के मोर्चे पर नए पुस्तकालय भवन व ऑडिटोरियम के निर्माण का कार्य जारी है और खेल परिसर के विकास का काम भी शुरू हो गया है। कुलपति ने कहा कि शोध की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब हम विद्यार्थियों, शोधार्थियों व संकाय सदस्यों को उसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे। विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्राप्त 40 से अधिक पेटेंट, लगभग 2000 शोध पत्र स्कोपस डॉटा बेस में शिक्षकों के नाम होना इसी का प्रमाण है। नवाचार व कौशल विकास के लिए हमारे यहां कौशल विकास एवं उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय की अन्य उपलब्धियों में हाल में प्राप्त ओबीई रैंक, आईआईआरएफ रैकिंग और इंडिया टुडे रैकिंग में पिछले तीन वर्षों में सर्वाधिक पेटेंट के मामले में देश में तीसरा स्थान प्राप्त होना, तथा नेचर इंडेक्स में हाई क्वालिटी रिसर्च ऑउटपुट में 152 रैंक मिलना, प्रमुख है।
कुलपति ने कहा कि हमे आशा है जब 2047 में भारत अपनी आजादी के 100 साल मना रहा होगा उस समय भारत की सामर्थ्य एवं शक्ति का मूल्यांकन होगा तब नई शिक्षा नीति भारत के तीव्र विकास व आत्मनिर्भरता का आधार साबित होगी। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इस नीति के सफलतम क्रियान्वयन की दिशा में अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में निरंतर प्रयासरत है। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा आयोजित इस समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से समां बांधा। इनमें सत्यम, शंकर शर्मा, सोम्या, भावना, मानसी, तनिषा, सपना, डॉ नीरज कर्ण सिंह और एनसीसी कैंडेट का समूह शामिल रहा।
कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन डॉ रेणु यादव ने किया और आयोजन के अंत में कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों ने कुलपति को स्मृति चिह्न देकर उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, शिक्षणेतर कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य तथा स्थानीय नागरिक भी उपस्थित रहे।