हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक ‘मेट्रो लैब्स’ का उद्घाटन, डीएमआरसी एकेडमी के साथ समझौता

मेट्रो रेल इंजीनियरिंग शिक्षा को मिलेगा नया आयाम, उद्योग जगत की मांगों के अनुरूप तैयार होंगे विद्यार्थी

महेंद्रगढ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (SOET) में अत्याधुनिक ‘मेट्रो लैब्स’ का उद्घाटन शुक्रवार को भव्य समारोह में किया गया। इस पहल का उद्देश्य मेट्रो रेलवे इंजीनियरिंग को व्यवहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ते हुए विद्यार्थियों को उद्योग के अनुकूल प्रशिक्षण देना है।

इस अवसर पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) एकेडमी और हकेवि के बीच आपसी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए। मुख्य अतिथि डीएमआरसी एकेडमी के महानिदेशक श्री घनश्याम बंसल और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने संयुक्त रूप से लैब्स का उद्घाटन किया।

टनलिंग व ट्रैक्शन तकनीकों पर होगा गहन अभ्यास

कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने बताया कि यह प्रयोगशालाएं मेट्रो स्टेशनों की भूमिगत संरचना की जटिलताओं को समझने और टनलिंग सिस्टम के डिजाइन एवं विश्लेषण के लिए MIDAS सॉफ्टवेयर से युक्त हैं। ये लैब्स विद्यार्थियों को भविष्य की इन्फ्रास्ट्रक्चर चुनौतियों के लिए तैयार करेंगी। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय में अपनी तरह की पहली और अनोखी पहल बताया।

डीएमआरसी एकेडमी के महानिदेशक श्री घनश्याम बंसल ने कहा कि यह सहयोग विद्यार्थियों को मेट्रो इंजीनियरिंग, टनलिंग और संबंधित तकनीकों में व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा। भविष्य में यहां सर्टिफिकेट व डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।

Advertisement

उच्च तकनीक से लैस सेक्शन और सेमिनार हॉल

प्रो. विकास गर्ग ने बताया कि मेट्रो लैब्स के अंतर्गत दो अनुभाग—टनलिंग लैब और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सेक्शन—स्थापित किए गए हैं। ETAP रियल-टाइम पावर सिस्टम सिमुलेटर, E-Trax सॉफ्टवेयर, और मेट्रो ट्रैक्शन डेमो किट जैसे उपकरणों से लैस इन लैब्स में विद्यार्थी पावर फ्लो, फॉल्ट एनालिसिस और AC/DC ट्रैक्शन सिस्टम को व्यावहारिक रूप से समझ सकेंगे।

डॉ. भास्कर ने बताया कि इस पहल को और प्रभावी बनाने के लिए 50 सीटों वाला ऑडियो-विजुअल सुविधाओं से सुसज्जित सेमिनार हॉल भी तैयार किया गया है, जहां मेट्रो तकनीक से जुड़ी प्रशिक्षण कार्यशालाएं और संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी।

नवाचार, अनुसंधान और करियर की नई दिशा

डॉ. आकाश सक्सेना ने कहा कि ये लैब्स केवल प्रयोगशालाएं नहीं, बल्कि नवाचार, अनुसंधान और व्यावसायिक कौशल विकास का केंद्र हैं। विद्यार्थी अब स्मार्ट ग्रिड, रेलवे संचालन, और उन्नत पावर सिस्टम जैसे क्षेत्रों में सशक्त करियर बना सकेंगे।

इस अवसर पर डीएमआरसी एकेडमी की ओर से श्री महेंद्र सिंह, प्रो. अनिल पटेल, श्री सी.के. प्रसाद और हकेवि की ओर से प्रो. फूल सिंह, प्रो. राजेश दुबे, समेत SOET के शिक्षक, विद्यार्थी और शोधार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


यह पहल हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को मेट्रो रेल इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *