भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में 135वें स्थापना दिवस पर एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश / बरेली : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर का 135वें स्थापना दिवस एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का उद्घाटन केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने सभी संयुक्त निदेशक, प्रभारी खेलकूद सचिव आदि की उपस्थिति में फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। अपने उद्बोधन में डा. दत्त ने कहा कि यह संस्थान एशिया का गौरवमयी संस्थान है तथा इस संस्थान ने अपने 135 वर्षों में पशुधन स्वास्थ्य, उत्पादन तथा मूल्य सवंर्धन के क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान अर्जित किये हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने अतीत को याद करने का भी दिन है। आज से 58 वर्ष पहले डा. चिन्तामणि सिंह ने आईवीआरआई का चार्ज लिया तथा यहां के वह दूरदर्शी निदेशक रहे। उन्होंने डा. चिन्तामणि सिंह की उपलब्धियों के बारे में बताते हुये कहा कि वह इस संस्थान में 16 वर्ष तक निदेशक रहे तथा उन्होंने अपने कार्यकाल में संस्थान का सर्वागींण विकास किया। संस्थान को ख्याति दिलाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। स्वतंत्रता से पहले संस्थान में मात्र 5 विभाग हुआ करते थे लेकिन डा. चिंतामणि की दूरदर्शिता का ही परिणाम था कि संस्थान में उनके कार्यकाल में 16 विभाग हुए तथा आज संस्थान में 19 विभाग हैं।

Inauguration of sports competitions on 135th Foundation Day at Indian Veterinary Research Institute


संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताते हुये डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि संस्थान को 1983 में डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा भी डा. चिन्तामणि सिंह जी के कार्यकाल में मिला। उनकी मेहनत एवं लगन से आज संस्थान में 6 संयुक्त निदेशालय, 2 क्षेत्रीय प्रमुख केन्द्र 19 शोध विभाग, 28 अनुभाग, 6 पशुधन अनुभाग तथा जर्म प्लाज्म केन्द्र द्वारा देश के पशुधन की सेवा की जा रही है। डा. दत्त ने कहा संस्थान द्वारा 100 से अधिक प्रौद्योगिकियाँ विकसित की हैं जिनमें से 49 महत्वपूर्ण टीकों को 60 वाणिज्यक घरानों को हस्तांतरित किया गया है इसके अतिरिक्त संस्थान में 166 बाहृय वित्त पोषित शोध परियोजनायें चलाई जा रही हैं। संस्थान की मानव संसाधन विकास मंे भी महत्वपूर्ण भूमिका है जिसके अन्तर्गत इस संस्थान के 589 एल्मुनाई देश के 29 राज्य कृषि तथा पशु चिकित्सामहाविद्यालयों में कार्य कर अपनी सेवायें दे रहे हैं।
संस्थान नई शिक्षा नीति के नीर्ति निर्देर्शों का पालन कर रहा है जिसके अन्तर्गत वर्ष 2023 में बीटेक बायोटेक्नोलाजी तथा एमबीए पाठ्यक्रम को शुरू किया गया इसी तरह वर्ष 2024-25 में संस्थान की मास्टर इन बायोटेक्नोलाॅजी, मास्टर इन वेटरनरी एनाटोमी तथा बीटेक इन फूड टेक्नोलाॅजी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। इसी प्रकार आगामी वर्ष में 2 एजुकेशनल हब खोले जायेंगे जिनमें पहला एजुकेशनल हब हिसार में तथा दूसरा हब गुवाहटी में प्रारम्भ किया जायेगा। संस्थान ने भविष्य के लिए रोडमेप निर्धारित किये है तथा संस्थान उन्हीं रोडमैप के आधार पर कार्य कर रहा है।

Advertisement


प्रभारी खेलकूद प्रकोष्ट एवं आयोजन सचिव किरणजीत सिंह ने कहा कि आज के दिन हम पशु चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रगति को याद करते हैं, हालांकि, हमारे स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को आकार देने में शारीरिक गतिविधि की भूमिका को पहचानना आवश्यक है। हमें स्वस्थ, उत्पादक और सामंजस्यपूर्ण समुदाय के निर्माण में खेलों के महत्व का सम्मान करना चाहिए। खेल केवल शारीरिक परिश्रम के बारे में नहीं हैं, वे अनुशासन, टीमवर्क और लचीलेपन के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली साधन के रूप में काम करते हैं जो न केवल खेलों में बल्कि जीवन में भी आवश्यक हैं। खेल हमें सिखाते हैं कि सफलता को विनम्रता से और हार को शालीनता से कैसे संभाला जाए। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिये सह आयोजन सचिव डा. अभिषेक सहित विभिन्न समितियों के अध्यक्षों, सदस्यों, खेल एवं खेल के संयुक्त सचिवों डॉ. विक्रमादित्य, डॉ. सागर चंद और डॉ. सोनल का आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशक, शोध, डा. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डा.एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक कैडराड डा. सोहिनी डे, आईवीआरआई के पूर्व निदेशक डा. नागेन्द्र शर्मा, पूर्व संयुक्त निदेशक राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार के डा. एस.के. श्रीवास्तव, कम्पट्रोलर श्रीमती संजीवन प्रकाश मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुबोध नीरज सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, अधिकारी तथा छात्र गण उपस्थित रहे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page