हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में कारगिल विजय दिवस पर विशेष कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का परिणाम है कारगिल विजय – प्रो टंकेश्वर कुमार

महेंद्रगढ़ : कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम को नमन किया गया। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खण्ड तीन में स्थित विद्या वीरता स्थल पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने पुष्प अर्पित कर सेना के वीर योद्धाओं के त्याग, बलिदान व देश के प्रति समर्पण को याद किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में स्थानीय गांवों में रहने वाले पूर्व सैनिकों के लिए सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया। आयोजन में विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो सुषमा यादव, विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो सुनीता श्रीवास्तव व कुलसचिव प्रो सुनील कुमार भी उपस्थित रहें।

प्रो टंकेश्वर कुमार ने पूर्व सैनिक सम्मान समारोह में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का परिचायक है। हम सभी उनके साहस को नमन करते हैं और इस तरह के आयोजन सीधे तौर पर आमजन में देशप्रेम के भाव को मजबूत करने का काम करते हैं। कुलपति बोले की सैनिक ही वो लोग है जिन्हें देश के लिए जीने और मरने दोनों का अवसर प्राप्त होता है। हर नागरिक में एक सैनिक विद्यमान है और उसे देशहित के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

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कुलपति ने इस मौके पर उपस्थित राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के विद्यार्थियों से कहा कि वो देश की आजादी का महत्व समझे और उसके लिए सैनिक द्वारा किए गए बलिदान को याद करते हुए देशहित के लिए तत्पर रहें। विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो सुषमा यादव ने कारगिल की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि यकीनन यह मुश्किल युद्ध था। दुश्मन पहाड़ की चोटी पर बैठा था और हम नीचे से लड़ रहे थे, लेकिन फिर भी वीर जवानों के साहस से यह युद्ध भारत ने जीता। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के परिणाम ने एक बार फिर से साबित किया कि भारतीय सेना सीमा की रक्षा करने और दुश्मन को मुँह तोड़ जबाव देने में पूरी तरह से सक्षम है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने भी इस अवसर पर वीर सैनिकों के बलिदान को याद किया और कहा कि हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे। एनसीसी व जनसंपर्क कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय में अनुभाग अधिकारी राजेश जांगड़ा कारगिल की लड़ाई और उसके कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में डॉ राजेंद्र प्रसाद मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो सुनीता श्रीवास्तव, प्रो दिनेश कुमार गुप्ता, प्रो हरीश कुमार, प्रो पवन मोर्या, प्रो सुरेंद्र सिंह, प्रो पायल चंदेल, प्रो राजीव कुमार सिंह, डॉ राकेश धीमान, डॉ रमेश कुमार, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ केशव रावत, डॉ विकास सिवाच सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी व शिक्षणेतर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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