हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ कार्यक्रम का हुआ आयोजन

नवाचार व उद्यमिता विकास के लिए रहें तत्पर- प्रो टंकेश्वर कुमार

महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अंतर्गत स्कूल ऑफ इंजीनियंरिग एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों के लिए सोमवार को दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार उपस्थित रहे। उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रहने का नहीं हैं। युवाओं को चाहिए कि वे नवाचार व उद्यमिता विकास के लिए तत्पर रहें। इस अवसर विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो सुषमा यादव व कुलसचिव प्रो सुनील कुमार भी उपस्थित रहे।

दीक्षारंभ कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार

विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो आनंद शर्मा ने दीक्षारंभ की आवश्यकता और उसके महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होेंने बताया कि नए विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है कि वे विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं व कार्यप्रणाली से अवगत हों और इस दिशा में यह आयोजन एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब अध्ययन केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है। विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के विकास पर ध्यान देना होगा। विश्वविद्यालय में विभिन्न माध्यम उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से वे अपना सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।

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कुलपति ने विद्यार्थियों को समस्याओं को समझने और उनका समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में एक आइडिया भी महत्त्वपूर्ण है। नवाचार व उद्यमिता विकास हेतु विद्यार्थियों के प्रयास देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं इसलिए सदैव कुछ बेहतर व नया करने के लिए तत्पर रहें।

इसी क्रम में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे बेहद सौभाग्शाली हैं कि उन्हें यह अवसर प्रदान हुआ है। प्रो. यादव ने अपने संबोधन में दीक्षारंभ कार्यक्रम की पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए इसके महत्त्व से अवगत कराया। उन्होंने अपने संबोधन में वसुधैव कुटुम्बकम् का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सदैव समूची धरा को एक परिवार मानता रहा है और उसके विकास के लिए प्रयासरत है। उन्होंने विद्यार्थियों को मानवता की बेहतरी के लिए काम करने, मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने भी अपने संबोधन में विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए प्रेरित किया। साथ ही साथ भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय का हर सहभागी उनकी इस शैक्षणिक यात्रा में सहयोगी के रूप में शामिल है। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रो. फूल सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जबकि परीक्षा नियत्रंका प्रो. राजीव कौशिक ने परीक्षा मूल्यांकन एवं उसके नियमों की जानकारी विद्यार्थियो को दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस आयोजन में उप-छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. रेनु यादव व सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मुलाका मारूति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस अवसर पर इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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