हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रेमचंद जयंती पर विशेष कार्यक्रम का हुआ आयोजन

स्वाधीनता संग्राम में प्रेमचंद का योगदान अविस्मरणीय – कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार

महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में बुधवार को प्रेमचंद जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कुलपति ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के माध्यम से स्वाधीनता संग्राम में अहम योगदान दिया। उनके द्वारा सृजित साहित्य में देशप्रेम का भाव देखने को मिलता है। हमें भी उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए देश की प्रगति व विकास में योगदान के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

प्रेमचंद की कहानी दुनिया का सबसे अनमोल रतन का मंचन करते हकेवि के विद्यार्थी।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत और दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। कुलपति ने अपने संबोधन में युवाओं को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में देशहित के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि सभी सेना में जाकर ही देश के लिए अपना योगदान दें। आप जिस भी क्षेत्र में सक्रिय हैं वहां रहते हुए समाज व देश हित में सहयोग करें। कुलपति ने इस मौके पर विभागीय भागीदारी पर भी जोर दिया और कहा कि अब समय आ गया है कि हम बहुविकल्पीय, बहुउद्देशीय शिक्षा व्यवस्था को अपनाएं और विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें।

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विश्वविद्यालय में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ के अधिष्ठाता प्रो चंचल कुमार शर्मा ने प्रेमचंद के जीवन से संबंधित मुख्य पहलुओं से अवगत करवाया। उसके बाद किस्सागोई का कार्यक्रम किया गया। जिसमें हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने अनेक बोलियों में प्रेमचंद के जीवन से जुड़े मुख्य अवसरों के बारे में बताया। हिंदी विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा प्रेमचंद की कहानी दुनिया का सबसे अनमोल रत्न पर सफल नाट्य मंचन किया गया।

आयोजन में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो बीरपाल सिंह यादव के संयोजक एवं विभाग की सहआचार्य डॉ कमलेश कुमारी ने सहसंयोजक की भूमिका का निर्वहन किया। आयोजन के प्रथम सत्र में प्रो सुनीता श्रीवास्तव, प्रो नीलम सांगवान, प्रो पायल कंवर चंदेल, डॉ सुमन रानी, डॉ स्नेहसता, डॉ पिंकी, डॉ सुदीप, डॉ रवि पांडे, डॉ कामराज सिंधु, डॉ सिद्धार्थ शंकर राय, डॉ अरविंद सिंह तेजावत, डॉ अमित कुमार व डॉ रीना स्वामी उपस्थित रहे।

आयोजन के दूसरे सत्र में हिंदी विभाग के शोधार्थियों द्वारा कहानी पाठ की सफल प्रस्तुति की गई। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीरपाल सिंह यादव ने प्रेमचंद के साहित्य जीवन के बारे में बताया और साथ ही विभाग में ऐसे साहित्यिक कार्यक्रम होते रहे इसके लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया। आयोजन में प्रेमचंद से संबधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें प्रथम पुरस्कार देवाराम, दीपक कुमार महतो एवं प्रियंका ने, द्वितीय पुरस्कार उपेंद्र, यशपाल, संजय ने तथा तृतीय पुरस्कार ममता कुमारी, राहुल, तरूण ने हासिल किया। इस अवसर पर शहीद उद्यम सिंह को भी याद किया गया।

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