हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दसवा दीक्षांत समारोह उत्साह पूर्वक संपन्न

राष्ट्र निर्माण के लिए ज्ञान सबसे बड़ी शक्ति – राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं

महेंद्रगढ़, 18 नवम्बर 2024: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) के दसवें दीक्षांत समारोह का आयोजन सोमवार को हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी और चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी भी मौजूद रहीं।

समारोह के दौरान राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का सबसे यादगार अवसर होता है। यह दिन आपके नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे देश के वर्तमान और भविष्य को आकार देने में अपनी भूमिका निभाएं। राज्यपाल ने विशेष रूप से कहा, “आज के समय में राष्ट्र निर्माण के लिए पैसा नहीं, बल्कि ज्ञान ही सबसे बड़ी शक्ति है।”

हकेवि में आयोजित दसवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय

राज्यपाल दत्तात्रेय ने युवाओं को नवाचार, तकनीक और शोध के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हुए कहा, “युवा अब नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि देने वाले बनें।” उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति और मूल्यों पर गर्व करने का भी आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि भारत को फिर से ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए युवाओं को सतत सीखने और दूसरों को भी सिखाने की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को अपने सपनों को पूरा करने और नए भारत के निर्माण में योगदान देने का संकल्प लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “आज का दिन ज्ञानयोग से कर्मयोग की ओर अग्रसर होने का है।”

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Central University of Haryana 10th  convocation ceremony concluded
हकेवि में आयोजित दसवें दीक्षांत समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय को स्मृति चिह्न भेंट करते कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार

इस अवसर पर कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिन डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के जीवन में एक नई ऊंचाई का संचार करेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की सफलता के लिए शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
इस दीक्षांत समारोह में कुल 1338 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को पीएच.डी., एम.फिल., स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्रदान की गई। इनमें से 65 विद्यार्थियों को पीएच.डी. और 08 को एम.फिल. की उपाधि मिली। स्नातक पाठ्यक्रमों में बी.टेक. के 192 और बी.वॉक. के 83 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई, जबकि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 990 विद्यार्थियों को डिग्री मिली।

इसके अतिरिक्त, 46 विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। समारोह में कुल 803 छात्र और 535 छात्राओं को डिग्री प्राप्त हुई।

समारोह में प्रमुख अतिथियों का स्वागत और अन्य सम्मान:
समारोह में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद, और विश्वविद्यालय की कोर्ट के सदस्य, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कौशिक, वित्त अधिकारी डॉ. विकास कुमार, जिला प्रशासन के अधिकारी डॉ. विवेक भारती और पूजा वशिष्ठ सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।

इस दीक्षांत समारोह ने विद्यार्थियों के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत की, और साथ ही विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति और समाज में इसके योगदान को भी उजागर किया।

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