हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में क्षमता निर्माण कार्यक्रम की हुई शुरुआत

आईसीएसएसआर के सहयोग से आयोजित हो रहा है कार्यक्रम

महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में सोमवार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा सामाजिक विज्ञान के संकाय सदस्यों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि तथा विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो सुषमा यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार को स्मृति चिह्न भेंट करते डॉ राजेंद्र प्रसाद मीना

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में अनुसंधान और शिक्षण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के साथ अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। इसी क्रम में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो सुषमा यादव ने कार्यशाला के विषय पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के व्यापक संदर्भ में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

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आयोजन में विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज के डीन प्रो रंजन अनेजा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए आयोजन में देशभर से सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। पाठ्यक्रम सह-निदेशक डॉ दिव्या ने ०३ अगस्त, २०२४ तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रतिभागियों के साथ साझा करते हुए इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात पाठ्यक्रम निदेशक डॉ राजेंद्र प्रसाद मीना ने कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार, समकुलपति प्रो सुषमा यादव और कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों का अभिनंदन किया।

उद्घाटन सत्र के अंत में डॉ राजेंद्र प्रसाद मीना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विभाग के सभी प्रतिभागियों और शोधार्थियों प्रेरणा, अन्नू, मोनिका, हेमलता, निशा के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रबंधन अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो सुनीता तंवर, प्रो सुशीला, डॉ सुमन, डॉ रविंदर कौर, डॉ भूषण सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र के पश्चात आयोजन की औपचारिक शुरुआत प्रो दिनेश कुमार गुप्ता के अकादमिक लेखन और प्रकाशन की गुणवत्ता, उच्च शिक्षा में अनुसंधान उत्पादन पर औपचारिक व्याख्यान के साथ हुई।

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