हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम की हुई शुरूआत
सोशल आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत 25 सप्ताह तक चलेगा कार्यक्रम
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), द्वारा ग्रामीण विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से सोशल आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत हुई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने विद्यार्थियों को आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने तथा देश के निरंतर विकास के लिए इन उन्नत उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत एस डी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककराला के 40 विद्यार्थियों के पहले बैच के साथ हुई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत डॉ हुमिरा सोन्हा और डॉ रुपेश देशमुख ने एस डी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककराला के विद्यार्थियों को कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत कराया। तत्पश्चात विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने व्यक्तिगत रूप से सोयाबीन, धान और ककड़ी की पत्तियों से डीएनए निकाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की घोषणा भारत रत्न नानाजी देशमुख की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार द्वारा की गई थी।
यह कार्यक्रम 25 सप्ताह तक चलेगा, जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र प्रत्येक सप्ताह भाग लेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक हजार ग्रामीण विद्यार्थियेां को बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है। आयोजन में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के शोधकर्ता डॉ श्रीजा सुधाकरन, मुकेश मेघवाल, पवन कुमार, बादल महाकालकर, प्रगति, सागर जंजल, गोपिका मोते ने स्कूली विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो पवन कुमार मौर्य व प्रो कांति प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह आउटरीच कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उन्नत वैज्ञानिक शिक्षा और ग्रामीण समुदायों के बीच की खाई को पाटने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है, और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुशल युवा पीढ़ी को तैयार करना है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के लिए पंजीकरण हेतु कोई शुल्क नहीं है। इस कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने के लिए इच्छुक विद्यालय हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में संपर्क कर सकते हैं।