राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सफलता पूर्वक संपन्न

अजमेर : राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग द्वारा “सतत विकास लक्ष्यों और विजन 2047 की निगरानी के लिए डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि” पर केंद्रित राजस्थान सांख्यिकी संघ (RSA) के सहयोग से “समय श्रृंखला, विश्लेषण और सांख्यिकीय मॉडलिंग में हाल की प्रगति NCTAS-2025” पर दो दिवसीय दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन 10 से 11 फ़रवरी तक आयोजित किया गया। यह सम्मेलन, राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (NSSTA), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय व राजस्थान सांख्यिकी संघ (RSA) के सहयोग से आयोजित हुआ। इस अवसर पर “भारतीय सांख्यिकी प्रणाली और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की भूमिका” पर एक दिवसीय संगोष्ठी भी आयोजित की गई।

इस दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन भारतीय रिजर्व बैंक के सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग, मुंबई के के प्रधान सलाहकार, डॉ ए आर जोशी, ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या और मुद्रास्फीति से संबंधित अवधारणाओं पर गहन चर्चा की। साथ ही उन्होंने फाइनैन्स में मशीन लर्निंग के अनुप्रयोगों पर भी प्रकाश डाला। जोशी ने प्रतिभागियों को आरबीआई डेटा का उपयोग करने और इसके आधार पर जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

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इसी कड़ी में हरदीप सिंह चौपड़ा, डीडीजी, नॉर्थ जॉन, जयपुर ने भारतीय आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका के विषय में चर्चा की साथ ही उन्होंने सार्वजनिक उपयोग के लिए आधिकारिक सांख्यिकी डेटा के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से आगे आकर इन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा सेट का उपयोग करने की अपील की। उन्होंने सार्वजनिक उपयोग के लिए आधिकारिक सांख्यिकी डेटा के उपयोग पर जोर दिया।

राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि – राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण के कार्य में योगदान देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। सांख्यिकी एक ऐसा अनुशासन है जो हमें तार्किक तर्क, सटीक व्याख्या और डेटा-संचालित निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में हम न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि अपने छात्रों को विश्लेषणात्मक तर्क और निर्णय लेने के कौशल से लैस करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि हमारे छात्रों को न केवल स्पष्टता के साथ कार्य करना चाहिए, बल्कि अपने कार्यों का सबसे अच्छा व्याख्याकार भी होना चाहिए।

सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में हाइब्रिड मोड में विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों जैसे – वैदिक गणित और गणितीय सांख्यिकी में इसके अनुप्रयोग, वैदिक गणित के माध्यम से सांख्यिकीय विश्लेषण और कोपुला-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करके समय श्रृंखला मॉडलिंग इत्यादि पर अपनी प्रस्तुति देते हुए विस्तृत रूप से चर्चा की।

विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दीपेश भाटी ने स्वागत भाषण में सांख्यिकी विभाग के बारे में बताया साथ ही कार्यक्रम में संयोजक की भूमिका सांख्यिकी विभाग के प्रो जितेंद्र कुमार ने अदा की। अंत में विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स स्टेटिक्स एंड कंप्यूटेशनल साइंसेस की डीन ममता रानी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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