हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम की हुई शुरुआत

महेंद्रगढ़ : जर्मनी के डायच वेले समाचार संस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विवेक कुमार ने कहा है कि दुनिया भर में समाचार को पढ़ने व देखने वालों की संख्या में निरंतर कमी हो रही है। यह दुनिया भर के मीडिया व उसमें काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। रायटर डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार केवल ४५ प्रतिशत लोगों की दिलचस्पी ही समाचारों में है। ऐसे समय में समाचार और अधिक दिलचस्प तरीके से पाठकों, दर्शकों व श्रोताओं तक पहुंचे। लोगों की समाचारों में दिलचस्पी बनी रही है। इसके लिए ही नई पीढ़ी के पत्रकारों व मीडिया कर्मियों को कार्य करना है। वे मंगलवार को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के इंडक्शन कार्यक्रम के पहले सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने इंडक्शन कार्यक्रम के लिए सभी विद्यार्थियों एवं विभाग के सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दी।

कुलपति ने कहा कि ५४ प्रतिशत लोग यूटयूब व बड़ी संख्या में लोगों अब वटसअप, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से समाचार प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए लोगों के लिए समाचारों का स्त्रोत बदल रहा है। ऐसे बदलते तौर में भावी पत्रकारों को खुद को तैयार करना हो। उन्होंने बताया कि आज पत्रकारिता के लिए जिस तरह के कौशल की आवश्यकता है, भविष्य में ऐसे स्किल्स से काम नहीं चलने वाला हैं।

भविष्य में क्या स्किल होंगे यह आने वाला समय बताएगा लेकिन वर्तमान में विद्यार्थियों को रिपोर्टिंग स्किल्स, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, डाटा एनालिटिक्स, सर्च इंजन आप्टीमाइजेशन, आडिंयश एंगेजमेंट जैसे नए स्किल सीखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आज मीडिया के विद्यार्थियों को सभी तरह के फील्ड के लिए तैयार करना जरूरी है। समाचार कक्ष के इंटीग्रेशन से समाचार कक्ष में नए कौशल की डिमांड लगातार बढ़ रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आहवान किया कि वे नई तकनीक को अपना साथी बनाएं व मीडिया में आगे बढ़ने के लिए नए स्किल्स सीखते चलें। 

समाजशास्त्र विभाग के डॉ टी लॉन्गकोई ने समाजशास्त्र के महत्व पर चर्चा की और बताया कि समाजशास्त्र कैसे पत्रकारिता और जनसंचार की दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि सामाजिक समस्याओं और मुद्दों की गहरी समझ पत्रकारिता के लिए अनिवार्य है, और समाजशास्त्र इस समझ को विकसित करने में सहायक होता है। साथ ही उन्होंने भारतीय समाज के महत्वपूर्ण विशेषताओं पर बात की एवं भारतीय कास्ट सिस्टम और क्लास डिवीजन पर भी चर्चा की।

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उन्होंने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी सुंदरता है। भारत की विविधिता को समझे बिना भारत में कोई भी अच्छा पत्रकार नहीं बन सकता। अपने उदबोधन में उन्होंने भारतीय समाज की विभिन्न विशेषताओं में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय मीडिया भारत की विविधिता को रिपोर्ट करने में कईं बार असफल रहा है। भावी मीडिया कर्मियों के लिए यह जरूरी है कि वे भारत व उसके लोगों को समझें। उन्होंने कहा कि आज भी मीडिया में सभी वर्गों व समूहों को सही रूप में रिपोर्ट नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को निष्पक्ष व सभी धर्म, जातियों, समूहांे को समान रूप से समझने वाला होना चाहिए।

राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. राजीव कुमार ने पत्रकारिता में राजनीति की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे राजनीति और राजनीतिक घटनाएं पत्रकारिता की दिशा को प्रभावित करती हैं और पत्रकार राजनीतिक परिदृश्य को कैसे नेविगेट करते हैं। मीडिया की जिम्मेदारी होती है कि वह निष्पक्ष और सटीक जानकारी प्रदान करे। अपने उदबोधन में उन्होंने भारतीय लोकतंत्र व संविधान की विभिन्न खूबियों को बड़े ही सुंदर तरीके से समझाया।

विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजेंद्र मीणा ने भारतीय अर्थव्यवस्था एवं उद्योग जगत के विभिन्न पहलुओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रहे बदलावांे पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इंडक्शन कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय समाज, मीडिया उद्योग में हो रहे बदलावों के बारे में बताना है ताकि वे सत्र के शुरूआत में ही जान व समझ सकें कि वे किस क्षेत्र में व कैसा काम करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग पिछले तीन वर्षों से नए विद्यार्थियों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में मीडिया उद्योग, भारतीय समाज, भारतीय अर्थव्यवथा, कम्युनिकेशन स्किल, भारतीय भूगोल, पत्रकारिता में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, लिंग संवदेनशीलता एवं मीडिया जैसे विषय रखे गए हैं।

इस अवसर पर पर डॉ आलेख एस नायक एवं डॉ भारती बत्रा ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर डॉ सुंरेद्र, डॉ नीरज कर्ण सिंह सहित सभी शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

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