आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में 11 वें राष्ट्रीय सेमिनार सफलतापूर्वक संपन्न
करनाल : विकास एवं नवाचार विषय पर भारतीय डेयरी एवं खाद्य उद्योग पर 11वां राष्ट्रीय सेमिनार 28 सितंबर, 2024 को आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ धीर सिंह ने की। डॉ सिंह ने कहा कि हमें ऊर्जा एवं पर्यावरण संबंधी चिंताएं, अपशिष्ट न्यूनीकरण एवं उपयोग, गुणवत्ता नियंत्रण एवं मिलावट तथा नवाचार एवं स्थिरता जैसे उद्योग संस्थान इंटरफेस पर काम करना चाहिए।
डॉ सिंह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र उत्पादन एवं आपूर्ति के सभी चरणों में बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करता है। इसलिए, डेयरी फार्म जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं। हमें फार्म, प्रसंस्करण संयंत्रों और उत्पादन सुविधाओं से निकलने वाले डेयरी अपशिष्ट का कुशलतापूर्वक उपयोग करना चाहिए ताकि इसे पर्यावरण में छोड़े जाने से रोका जा सके। डेयरी उद्योग के लिए दूध की गुणवत्ता नियंत्रण एवं आश्वासन भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दूध और दूध उत्पादों के नियमित परीक्षण से उत्पादकों और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा होती है और यह सुनिश्चित होता है कि उत्पादक अपने उत्पादों को अच्छे बाजार मूल्य पर बेच सकें।
उन्होंने आगे जोर दिया कि एनडीआरआई की विशेषज्ञता और अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं इन उद्योग चुनौतियों का प्रभावी समाधान प्रदान कर सकती हैं। समापन समारोह में डॉ एस एल गोस्वामी, पूर्व कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा और पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद ने भाग लिया, जिन्होंने भारत के आर्थिक विकास में खाद्य उद्योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए व्यावहारिक भाषण दिया। उन्होंने उद्योग की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर नवाचार, सहयोग और टिकाऊ प्रथाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारतीय डेयरी संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ जी एस राजोरहिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ राजोरहिया ने कार्यक्रम के सफल आयोजन की सराहना की और विकसित भारत के समावेशी राष्ट्रीय विकास के लिए डेयरी अनुसंधान में नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
सेमिनार के दौरान छात्रों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के लिए चार विषयों पर पोस्टर सत्र आयोजित किया गया, जिनमें डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार, खाद्य उद्योग में सुरक्षा और गुणवत्ता का प्रबंधन, विकसित भारत में टिकाऊ दूध उत्पादन, बाजार खुफिया, मूल्य श्रृंखला विश्लेषण, प्रौद्योगिकी प्रभाव मूल्यांकन और डेयरी उद्योग में विज्ञान को नीति में बदलने के लिए लिंग भागीदारी शामिल थी। लगभग 85 उम्मीदवारों द्वारा पोस्टर प्रस्तुत किए गए, जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया। विभिन्न विषयों से आठ प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार दिए गए।
समापन समारोह के दौरान बी टेक (डीटी), आईसीएआर-एनडीआरआई के रजत जयंती बैच को भी सम्मानित किया गया।