काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विश्वनाथ मंदिर से हुआ “तालांजलि” काशी यात्रा का शुभारम्भ
वाराणसी : संगीत एवं मंच कला संकाय अपने 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है। कौस्तुभ जयंती वर्ष के इस अवसर पर तालांजलि काशी यात्रा की संकल्पना की गई है। जिसके अंतर्गत काशी के सभी देव स्थानों पर तबले की पारंपरिक बंदिशों की प्रस्तुती दी जाएगी।
इस संकल्पना के प्रथम सोपान में, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मंदिर परिसर में तबले की पारंपरिक एवं घरानेदार 51 बंदिशों के साथ 51 तबला साधको ने बसंत ताल, तीव्राताल एवं एकताल में, प्रो प्रवीण उद्धव जी के निर्देशन में तालांजलि अर्पित की गई। राग गुणकलि में डमरू हर-हर बाजे’, राग यमन कल्याण में ‘शिव शंकर आदिदेव’ एवं राग बैरागी में ‘सकल ताल आधार’ जैसी मधुर बंदिशों पर तबले की विभिन्न बंदिशें जैसे टुकड़ा, परन, चक्रदार, त्रिपल्ली, एकहत्थी आदि रचनाओं की प्रस्तुति की गई ।
कार्यक्रम में वागीशा पांडेय ने हारमोनियम पर एवं हरिप्रिया पांडेय ने गायन पर संगति प्रदान की।