हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का हुआ आयोजन
निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पत्रकारिता चुनाव व लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे बडी ताकत – अमरनाथ वशिष्ठ
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में शुक्रवार को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में चुनाव रिपोर्टिंग कौशल एवं अभ्यास पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
कार्यशाला में विशेषज्ञ वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक अमरनाथ वशिष्ठ ने कहा कि निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पत्रकारिता ही किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे बडी ताकत है। जब पत्रकारिता निष्पक्ष होती है तो लोगों का उसमें विश्वास बढ़ता है। यही विश्वास लोकतंत्र को एक नई उर्जा एवं ताकत देता है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के पत्रकारों का यह दायित्व है कि वे पत्रकारिता की स्वतंत्रता एवं उसकी विश्वसनीयता के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा एवं देश के लिए सबसे बड़ा महापर्व है। उन्होंने कहा कि चुनाव रिपोर्टिंग में एक पत्रकार को हमेशा फील्ड पर होना चाहिए व ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट करना चाहिए। कार्यशाला में विशेषज्ञ संसद टीवी की एंकर एवं पत्रकार कीर्ति शर्मा ने कहा कि जो लोग भारत को समझना चाहते हैं, उसकी विविधता के दर्शन करना चाहते हैं।
उन्हें एक बार चुनाव रिपोर्टिंग जरूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव भारत व उसकी जनता को जानने व समझने का महापर्व है। उन्होंने कहा कि चुनाव में निष्पक्षता पत्रकार की सबसे बडी ताकत है। एक पत्रकार को हमेशा तथ्यपरकता एवं वस्तुपरकता के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाटा पत्रकारिता के दौर में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को हमेशा डाटा पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव में पत्रकार लोगों को जागरूक करने वाली मशाल है। अपने उद्बोधन में उन्होंने चुनाव में फेक न्यूज, डीप फेक एवं एआई के कारण उत्पन्न हो रही चुनौतियों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
इसी क्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक राकेश क्रांति ने अपने उद्बोधन में कहा कि चुनाव पत्रकारिता का अहम हिस्सा है चूंकि देश व राज्य में किसी न किसी स्तर पर चुनाव होते रहते हैं। ऐसे में चुनाव लोगों को समझने का अवसर है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार जब चुनाव को रिपोर्ट करते हुए निकलता है तो उसे चुनाव को एक नेता, राजनैतिक पार्टी, विभिन्न समुदायों, मतदाताओं, महिलाओं के नजरिए से समझने की कोशिश करनी चाहिए व उसी नजर से रिपोर्ट करना चाहिए।
इससे पूर्व विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सन् 1993 से 3 मई विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। तभी से दुनिया में प्रेस की आजादी को सेलिब्रेट करने, दुनिया भर में प्रेस की आजादी का मूल्यांकन करने, मीडिया पर हो रहे हमलो से रक्षा करने व दुनिया भर में रिपोर्टिंग के लिए अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रेस स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार, डॉ आलेख एस नायक, डॉ नीरज कर्ण सिंह, डॉ भारती बत्रा सहित सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।