राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय मे परिणाम आधारित पाठ्यक्रम विकास पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन

अजमेर : राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय मे शिक्षकों के लिए “परिणाम आधारित पाठ्यक्रम विकास” विषय पर पर केंद्रित पाँच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम सोमवार से प्रारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम मे शिक्षकों को शिक्षण के बेहतर परिणामों पर आधारित पाठ्यक्रम निर्माण के कौशल को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम 20 दिसंबर तक चलेगा।

कार्यक्रम के पहले दिन एनआईटीटीटीआर भोपाल से विषय विशेषज्ञ के रूप मे आए वक्ता प्रो अंजू रावली और डॉ हुसैन जीवा ने शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण के क्षेत्र में अपने गहन अनुभवो को विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ साझा किया।

कार्यक्रम के विभिन्न तकनीकी सत्रों मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और इसके मुख्य उद्देश्य, मौजूदा पाठ्यक्रम में संभावित अंतराल की पहचान और शिक्षण परिणामों के आधार पर पाठ्यक्रम का अध्ययन और संरेखण जैसे विषयो पर चर्चा हुई।

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राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि – “इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को सशक्त बनाते है साथ ही उन्हें नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को बेहतर शिक्षण अनुभव देने के लिए प्रेरित भी करते है। हमारे विश्वविद्यालय ने सदैव शिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में गुणवत्ता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है।” विश्वविद्यालय का यह प्रयास शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम के पहले दिन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के डीन, डॉ प्रकाश चौधरी मे कहा की – आज के प्रतिस्पर्धात्मक शैक्षणिक परिदृश्य में, छात्रों को ऐसे पाठ्यक्रम की आवश्यकता है जो न केवल उन्हें गहन ज्ञान प्रदान करे, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी कौशलों से भी सुसज्जित करे।

बता दे कि समय – समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम विश्वविद्यालय मे आयोजित किए जाते है, जिनका उद्देश्य, परिणाम-आधारित शिक्षा को प्राप्त करना और शिक्षकों को सशक्त बनाने के साथ ही उन्हें नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को बेहतर शिक्षण अनुभव देने के लिए प्रेरित करना है।”

इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ शैज़ी अहमद, डॉ रुचि मलिक और डॉ सुखमंदर सिंह द्वारा किया गया, और यह आयोजन कुलपति प्रो आनंद भालेराव के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।

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