बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के वार्षिकोत्सव का भव्य समापन
वाराणसी: चिकित्सा विज्ञान संस्थान के वार्षिकोत्सव का समापन समारोह संस्थान के परिसर में भव्यता से आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. विवेक लाल, निदेशक पीजीआई चंडीगढ़ ने चिकित्सा क्षेत्र में काशी की अद्वितीय भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काशी भारत की सांस्कृतिक धरोहर है और चिकित्सा विज्ञान में भी इसका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा, “आचार्य सुश्रुत और आचार्य चरक ने चिकित्सा क्षेत्र में विश्व को दिशा दी। आज भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सुश्रुत का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है।”
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि चिकित्सकों को अपने काम में ईमानदारी और सेवा भाव बनाए रखना चाहिए। उन्होंने छात्रों को मरीजों की सेवा को गंगा-जमुना की पूजा के समान मानने की प्रेरणा दी।
विशेष अतिथि प्रो. अजय सिंह का मार्गदर्शन
गेस्ट ऑफ ऑनर और एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. अजय सिंह ने कहा कि चिकित्सकों को मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के टीबी और एनीमिया मुक्त भारत के उद्देश्य को पूरा करने के लिए चिकित्सा समुदाय से सहयोग की अपील की।
कुलपति प्रो. संजय कुमार का वक्तव्य
कुलगुरु प्रो. संजय कुमार ने संस्थान को एम्स के समकक्ष मान्यता मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व का क्षण है, लेकिन इसके साथ हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। उन्होंने शोध को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले शोधपत्र प्रकाशित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
वार्षिक रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण
निदेशक प्रो. एस.एन. शंखवार ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि इस वर्ष 14,57,776 मरीजों ने पंजीकरण कराया। उन्होंने संस्थान द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए गए समझौतों और भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
सम्मान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम
सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को डॉ. राशी शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक प्रो. टी.पी. चतुर्वेदी ने हेल्थ मेले और अन्य गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन सभी संकाय प्रमुखों, विभागाध्यक्षों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति में हुआ।
यह वार्षिकोत्सव संस्थान की उपलब्धियों को संजोने और चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लेने का साक्षी बना।