एचएनएलयू करियर डेवलपमेंट कॉन्क्लेव 2.0: नए अवसरों की खोज
“WTO@30 और भारत: ट्रेड लॉयर्स और नेगोशिएटर्स के लिए अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर संगोष्ठी
रायपूर : कैरियर डेवलपमेंट कॉन्क्लेव 2.0 के अंतर्गत “WTO@30 और भारत: ट्रेड लॉयर्स और नेगोशिएटर्स के लिए अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर HNLU में एक संगोष्ठी 10 नवंबर, 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस कार्यक्रम में दिल्ली और मुंबई के ट्रेड लॉ विशेषज्ञों ने HNLU परिसर में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया और उनसे बातचीत की।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, डॉ अंकित अवस्थी, हेड ऑफ़ थे सेंटर फॉर WTO एंड WIPO, स्कूल फॉर लॉ एंड टेक्नोलॉजी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों को रेखांकित किया, जिसमें हाल के WTO विकासों, विशेष रूप से वैश्विक व्यापार नियामक के साथ भारत के अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया और साथ ही उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य में ट्रेड लॉयर्स और नेगोशिएटर्स के लिए भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
प्रो डॉ जेम्स जे नेदुम्परा, प्रोफेसर और हेड, सेंटर फॉर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ, आईआईएफटी, नई दिल्ली, और भारत में डब्ल्यूटीओ अध्यक्ष, ने की नोट भाषण दिया, जिसमें एक शिक्षाविद और भारत के डब्ल्यूटीओ प्रतिनिधित्व में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाते हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून में कैरियर पथों पर चर्चा की एवं वर्तमान रुझानों का विश्लेषण किया, और भावी लॉयर्स को बहुमूल्य सलाह दी।
रीमा अस्थाना खैर,सीनियर पार्टनर एवं हेड, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अप्रत्यक्ष कराधान अभ्यास, कोचर एंड कंपनी ने दर्शकों को संबोधित किया, अर्थशास्त्र स्नातक से सफल ट्रेड लॉ प्रोफेसनल तक की अपनी यात्रा के बारे में अपने अनुभव साझा की, उन्होंने भारत में शुरुआती चरण के ट्रेड लॉयर्स के लिए आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और डोमेस्टिक लेजिस्लेशन की मजबूत कमान के महत्व पर जोर देते हुए अंतर्राष्ट्रीय लॉज़ के मुख्य क्षेत्र में कानून स्नातकों के लिए अवसरों और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित किया।
संजय नोटानी, सीनियर पार्टनर एंड हेड, इंटरनेशनल ट्रेड, कस्टम्स एंड सस्टेनेबिलिटी प्रैक्टिस, इकनोमिक लॉज़ प्रैक्टिस (ELP), मुंबई, ने अपने संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड लॉ में उत्कृष्टता प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों के लिए आवश्यक प्रैक्टिस को रेखांकित किया और विधि, अर्थशास्त्र, राजनीति और वर्तमान मामलों के बारे में जानकारी रखने और क्लाइंट की जरूरतों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए व्यापार और वाणिज्य के बारे में सक्रिय रूप से सीखने के महत्व पर जोर दिया। श्री नोटानी ने ग्राहकों को जटिल कानूनी मुद्दों को संक्षेप में समझाने की महत्वपूर्ण क्षमता पर प्रकाश डाला।
मुख्य भाषणों के बाद, एक प्रश्नोत्तर सत्र में GATT और GATS के लिए डिजिटल बाजारों के निहितार्थ और ब्लू इकोनॉमी में ट्रेड लॉयर्स के लिए अवसरों जैसे विषयों को शामिल किया गया। जैसे ही प्रश्नोत्तर सत्र समाप्त हुआ, रिसोर्स पर्सन्स को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो डॉ जेम्स जे नेदुम्परा द्वारा सेंटर फॉर ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट लॉ, आईआईएफटी, दिल्ली के सहयोग से सेंटर फॉर डब्ल्यूटीओ-डब्ल्यूआईपीओ स्टडीज, एसएलटी के तहत ट्रेडलैब@ एचएलएनयू का शुभारंभ भी हुआ। ट्रेडलैब एक जिनेवा-आधारित पहल है जो छात्रों, शिक्षाविदों और लीगल प्रैक्टिशनर्स को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश कानून में अनुसंधान का लाभ उठाने के लिए हितधारकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक साथ लाती है।
एचएनएलयू में डब्ल्यूटीओ-डब्ल्यूआईपीओ अध्ययन केंद्र की सदस्य उर्वी श्रीवास्तव ने संगोष्ठी के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।